Saturday, 24th May 2025

छत्तीसगढ़ / पिछले चुनाव में कोई 27 हजार वोट पाकर जीता तो किसी ने 91 हजार वोट हासिल कर भी गंवा दी सीट

Wed, Nov 14, 2018 5:45 PM

  • बस्तर में पहले चरण की वोटिंग के बाद हार-जीत के गणित की चर्चा का बाजार एक बार फिर हुआ गर्म
  • आंकड़ों में समझें 2013 के चुनाव, 3 ऐसी सीटें जहां 70 हजार से ज्यादा वोट पाकर भी 7 प्रत्याशी हार गए

 

रायपुर (जॉन राजेश पॉल). चुनाव में उम्मीदवार एक-एक वोट के लिए जद्दोजहद करते हैं। बूथ लेवल से लेकर माइक्रो लेवल तक मैनेजमेंट करते हैं। कई बार नतीजे चौंकाते हैं। हार-जीत के कई किस्से दिलचस्प हो जाते हैं। 2013 के चुनाव में भी ऐसे कई किस्से देखने को मिले थे, जब 27-30 हजार वोट पाकर प्रत्याशी जीते थे, जबकि 90 हजार से ज्यादा वोट पाने वाले भी हारे थे।

तीन ऐसी सीटें थीं, जिसमें पहले और दूसरे उम्मीदवारों को मिले वोट को जोड़ दें तो 60 हजार से कम हैं, जबकि 70 हजार से ज्यादा वोट पाकर 7 प्रत्याशी हार गए थे। राजनीति में चर्चित शब्द है फर्स्ट पास्ट द पोस्ट यानी जिसे अन्य प्रत्याशियों से अधिक मत मिला, उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है। 

 

भले ही एक वोट अधिक हो या दस हजार। 2013 में हुए चुनाव में तीन विधानसभा क्षेत्र में जीतने वाले प्रत्याशियों को तीस हजार के आसपास वोट मिले। इतने वोट पाकर ये प्रत्याशी जीत गए। जबकि 70 हजार से 91 हजार वोट पाने वाले कई प्रत्याशी हार गए। ऐसे नेताओं में पहला नाम कवर्धा के कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद अकबर का है। 

 

अकबर को कुल 91087 वोट मिले थे। अकबर से 2558 वोट ज्यादा पाकर भाजपा के अशोक साहू जीत गए थे। पंडरिया, साजा, कसडोल, बसना, बिल्हा और रायगढ़ भी ऐसी सीट हैं, जहां 70 हजार से ज्यादा वोट पाकर उम्मीदवार हार गए थे। 

 

यहां कम मत पाकर जीते 

  • कोंटा सीट से कांग्रेस के कवासी लखमा को 27610 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के धनीराम बारसे को 21824 वोट मिले थे। 
  • बीजापुर से भाजपा के महेश गागड़ा 29598 वोट पाकर जीते थे। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के विक्रम मंडावी 20091 वोट पाकर हारे थे। 
  • मनेंद्रगढ़ के भाजपा उम्मीदवार 32613 वोट पाकर जीते थे। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के गुलाब सिंह को 28435 वोट मिले थे। 

 

इन सीटों पर थोक में वोट पाकर भी हार गए प्रत्याशी 

  • कवर्धा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर को 91087 वोट मिले थे। भाजपा के अशोक साहू 93645 वोट पाकर जीते थे। 
  • पंडरिया से कांग्रेस उम्मीदवार लालजी चंद्रवंशी 74412 वोट पाकर हारे थे। भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी 81685 वोट पाकर जीते थे। 
  • भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा से 72630 वोट पाकर हारे थे। कांग्रेस के सियाराम कौशिक 83598 वोटों के साथ जीते थे। 
  • तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे को साजा में 72087 वोट पाकर भी हार मिली। भाजपा के लाभचंद बाफना 81707 वोट पाकर जीते। 
  • कसडोल से कांग्रेस उम्मीदवार राजकमल सिंघानिया 70701 वोट पाकर हारे थे। भाजपा के गौरीशंकर अग्रवाल 93629 वोट पाकर जीते। 
  • बसना से कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र बहादुर सिंह 70898 वोट पाकर हार गए थे। भाजपा की रूपकुमारी चौधरी 77137 वोट पाकर जीती थीं। 
  • रायगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार शक्राजीत नायक 70453 वोट पाकर भी हारे थे। भाजपा के रोशनलाल अग्रवाल 91045 वोट पाकर जीते थे। 

 

चुनाव आयोग भी सुधार के पक्ष में 

राजनीति के जानकार कहते हैं कि जीत तो जीत होती है, भले ही एक वोट से हो। लगातार सुधार के काम में लगा चुनाव अायोग भी चाहता है कि ऐसी विसंगतियां दूर हों। इसके लिए जरूरी है कि वोट परसेंट बढ़े और बेवजह चुनाव लड़ने वालों पर लगाम लगाई जाए। हालांकि यह आसान नहीं है। विधानसभा चुनाव की पद्धति राज्यसभा चुनाव की तरह का भी सुझाव आया। इस पर सहमति नहीं बनी। सुधार के तमाम सुझाव उलझनों में फंस गए। 

 

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