Tuesday, 15th July 2025

छत्तीसगढ़ / पहले चरण की 18 सीटों पर 11 बजे तक 16% मतदान; नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वोटरों की लंबी कतार

Mon, Nov 12, 2018 7:45 PM

छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें, 20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान; नतीजे 11 दिसंबर को

  • नक्सल प्रभावित बस्तर में कई बूथों पर बड़ी तादाद में महिलाएं मतदान के लिए पहुंचींं 
  • बस्तर की 12 सीटों में से 8 पर भाजपा-कांग्रेस और 4 पर त्रिकोणीय संघर्ष, इस बार जोगी कांग्रेस-बसपा भी मैदान में
  • राज्य में पिछले 15 सालों से भाजपा की सरकार, मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने अटलजी की भतीजी करुणा शुक्ला को टिकट दिया

 

रायपुर.  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों के लिए वोटिंग जारी है। इनमें बस्तर की 12 और राजनांदगांव जिले की 6 सीटें शामिल हैं। पिछली बार इन 18 में से भाजपा को 6 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। सुबह 11 बजे तक 16 फीसदी मतदान हुआ है। नक्सल प्रभावित इलाकों में कई बूथों पर वोटरों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं। इन इलाकों में नक्सलियों ने स्थानीय लोगों को चुनाव का बहिष्कार करने के लिए धमकाया था। जिन इलाकों में लंबी कतारें देखी गईं, उनमें राजनांदगांव के मानपुर का परडौनी गांव और बस्तर का किलेपाल शामिल हैं। 

 

पहले चरण में 31.79 लाख मतदाता हैं। कुल 190 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 42 उम्मीदवार करोड़पति हैं। कांग्रेस के 7 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। भाजपा का क्रिमिनल रिकॉर्ड वाला कोई उम्मीदवार नहीं है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन किया है। इससे पहले चरण में चार से पांच सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा और परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।

  • दंतेवाड़ा के काटेकल्याण ब्लॉक में चुनाव ड्यूटी में लगे जवानों और पोलिंग पार्टी को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया। एआईजी (नक्सल विरोधी अभियान) देवनाथ ने बताया कि धमाका सुबह 5.30 बजे तुमकपाल-नयाननर रोड पर हुआ। इसमें किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
  • दंतेवाड़ा के आंवराभाटा पिंक बूथ में ईवीएम में खराबी के चलते सुबह तय समय से एक घंटे बाद मतदान शुरू हुआ। उधर, आंवराभाटा के मतदान केंद्र 85-2 में मतदान में 40 मिनट की देरी हुई। 3 जगह पर अब तक ईवीएम बदलने की नौबत आ चुकी है।
  • 53 पोलिंग बूथ पर तकनीकी कारणों के चलते मतदान देर से शुरू हो सका। 
  • राजनांदगांव सीट से मुख्यमंत्री रमन सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला आमने-सामने हैं। यह दोनों ही अपने लिए वोट नहीं डाल सकेंगे। क्योंकि, रमन सिंह का नाम कवर्धा की वोटर लिस्ट में है जबकि करुणा शुक्ला रायपुर से मतदाता हैं।
  • सुकमा

     

  • बीजापुर पांडेपरा और केशकुतुल में सुरक्षाबलों ने आईईडी बरामद किया।

  • बारसूर में नदी पार के मतदान बूथों पर सुबह 10 बजे तक वोट डालने के लिए कोई नहीं पहुंचा। 

  • दक्षिण बस्तर में कांग्रेस विधायक और प्रत्याशी देवती कर्मा ने फरसपाल पोलिंग बूथ में मतदान किया। 

  • पहले चरण की 18 सीटों पर सुबह 10 बजे तक 14 फीसदी मतदान हुआ। महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।

  • कांकेर में चुनाव ड्यूटी में तैनात सीआरपीएफ जवान निर्मल तिग्गा की तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। 

कि ह

 

महिला और पुरुष वोटर बराबर

पुरुष 16 लाख 21 हजार 839
महिला 15 लाख 57 हजार 592
थर्ड जेंडर 89

राजनांदगांव सीट पर सबसे ज्यादा 30 उम्मीदवार हैं। सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार बस्तर और कोंडागांव सीट पर हैं।

 

मतदान का वक्त अलग-अलग : पहले चरण की 18 सीटों में से ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं। इस वजह से मतदान का वक्त अलग-अलग है। 10 सीटों (मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा) पर मतदान सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक होगा। बाकी सीटें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, डोंगरगांव और खुज्जी में आठ से पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे।   

 

300 से ज्यादा बारुदी सुरंगें निकाली गईं : राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने रविवार को बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। करीब एक लाख सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। पिछले तीन दिनोंं में नक्सल प्रभावित इलाकों से 300 से ज्यादा आईईडी (बारुदी सुरंगें) निकाली गई हैं। 650 मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से भेजा गया है।

 

कांग्रेस ने 9 मौजूदा विधायक पर भरोसा दिखाया: कांग्रेस के 18 प्रत्याशियों में से नौ मौजूदा विधायक हैं। इनमें मनोज सिंह मांडवी (भानुप्रतापुर), मोहन लाल मरकाम (कोंडागांव), एल भगत (बस्तर), दीपक कुमार बैज (चित्रकोट), देवती कर्मा (दंतेवाड़ा), कवासी लखमा (कोंटा), गिरवर जंघेल (खैरागढ़) और दलेश्वर साहू (डोंगरगांव) शामिल हैं। भाजपा ने मंत्री महेश गागड़ा (बीजापुर), केदार कश्यप (नारायणपुर) और मौजूदा विधायक- संतोष बाफना (जगदलपुर), सरोजनी बंजारे (डोंगरगढ़) शामिल हैं। 17 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नजर आया। कोंटा में सीपीआई के आने से मुकाबला त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिखा। ज्यादातर सीटों पर पुराने प्रद्विद्वंदियों के बीच भिड़ंत होगी, जबकि खुज्जी और कांकेर में दोनों ही दलों ने नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। 

 

2013 में कांग्रेस ने भाजपा से बस्तर और राजनांदगांव में 9 सीटें छीनी थीं

 

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राज्य की 29 आदिवासी बहुल सीटों में 13 इन्हीं इलाकों में: प्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें एसटी वर्ग के प्रभाव में हैं। कुल 90 में से 29 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसमें से 11 बस्तर संभाग में ही हैं। दो सीटें राजनांदगांव में आती हैं। इन पर छत्तीसगढ़ गठन से पहले भी हमेशा से कांग्रेस की जबरदस्त पकड़ रही। छत्तीसगढ़ बनने के बाद भाजपा ने दो बार यहां कांग्रेस को पछाड़ा, लेकिन 2013 में कांग्रेस ने इन इलाकों में वापसी की। ऐसे में इस बार के चुनाव में पहले चरण की सीटें निर्णायक साबित हो सकती हैं। 

 

मोदी ने एक और राहुल ने तीन सभाएं कीं : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजधानी में पार्टी का घोषणा-पत्र जारी किया। उन्होंने राजनांदगांव में मुख्यमंत्री रमन सिंह के लिए रोड शो किया। इधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बस्तर में 3 सभाएं और रोड शो किया। पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर में एक सभा की। 

 

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पहले चरण में इन पर नजर 

 

  • डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री राजनांदगांव सीट से लगातार तीन चुनावों (2003, 2008 और 2013) से जीतते आ रहे हैं। उन्होंने पहले फेज की 18 सीटों के लिए 27 से ज्यादा रैलियां कीं।
  • करुणा शुक्ला : करुणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी हैं। कांग्रेस ने राजनांदगांव सीट पर रमन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है। राहुल गांधी ने उनके लिए 9 नवंबर को एक सभा और रोड शो भी किया। करुणा पहले भाजपा में थीं।
  • कवासी लखमा: कवासी लखमा आदिवासी नेता हैं और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हैं। वह पहली बार 2003 कांग्रेस के टिकट पर कोंटा सीट से चुने गए। उनकी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वे 2013 में झीरम घाटी में नक्सली हमले में बच गए थे। तब वे संदेह के घेरे में आए थे। भाजपा ने उनका नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी।

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