Saturday, 24th May 2025

चहेते ठेकेदार को काम देकर अधिकारी भर रहे अपनी तिजोरी लंबे समय से मिलीभगत कर शासन को लाखों का चुना लगा रहे अधिकारी

Sat, Nov 10, 2018 10:17 PM

रायगढ़. वन विभाग में लंबे समय से एक ही ठेकेदार को निर्माण कार्य दिया जा रहा है। ऐसे में इस बात की विभाग में जमकर चर्चा है कि खुद के लाभ के लिए सिर्फ एक ठेकेदार को यहां काम दिया जाता है और लाखों का वारा न्यारा इस ठेकेदार के साथ मिलकर वन विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। जबकि पूर्व में भी कई निर्माण कार्यों में धांधली की जा चुकी है। इसके बाद भी विभाग के बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने चहेते ठेकेदार को काम देकर अपनी जेब करने में लगे हैं और इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। 
विभागीय सूत्रों ने बताया कि वन मंडल रायगढ़ में एक ठेकेदार से ही पूरा काम लिया जाता है। कार्य के लिए कोई टेंडर भी नहीं निकाला जाता है सिर्फ मटेरियल का टेंडर निकल कर दूसरे के नाम पर भी उसी ठेकेदार से काम लिया जाता है। सूत्रों ने बताया कि उस ठेकेदार के साथ विभाग के अधिकारियों का पूरा कमीशन फिक्स है और उस कमीशन से हर निर्माण कार्य में लगातार शासन को चुना लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बंगुरसिया में स्टापडेम निर्माण में भी अनियमितता पायी गई थी और उसका निर्माण भी इसी ठेकेदार से कराया गया, इसके अलावा डिविजन कार्यालय में रिकार्ड रूम, अन्य भवन, डेम व अन्य निर्माण का कार्य भी एक मात्र अपने चहेते ठेकेदार को विभाग के अधिकारी दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पूर्व के डीएफओ के कार्यकाल में इस ठेकेदार के माध्यम से विभाग के अधिकारियों ने शासन को जमकर चुना लगाया है। वर्तमान में वन परिक्षेत्र कार्यालय के सामने वन परिक्षेत्र अधिकारी का भवन 15 लाख रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है और उसका भी निर्माण कार्य विभाग के अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदार को दे दिया है। यहां भी सिर्फ मटेरियल का टेंडर कराया गया, लेकिन काम विभाग के अधिकारियों का चहेता ठेकेदार ही कर रहा है। इससे विभाग में बाबू व अन्य कर्मचारियों के बीच यह चर्चा चल रही है कि एक मात्र ठेकेदार को काम देकर अपनी जेबे गरम करने में अधिकारी लगे हुए हैं और इस पर कोई लगाम भी नहीं लगा रहा है। पिछले लंबे समय से एक ही ठेकेदार को काम देना अपने आप में विभाग के अधिकारियों की लचर कार्य प्रणाली की पोल खोल रहा है। 
लाल ईंट से चौकीदार कमरा का निर्माण
यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि रेंजर भवन का निर्माण जहां किया जा रहा है। वहां एक चौकीदार कमरा भी बनाया जा रहा है। जिसमें लाल ईंट का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। विभागीय जानकारों ने बताया कि लाल ईंट का निर्माण पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के नजरों के सामने ही ठेकेदार के द्वारा यहां खुलेआम लाल ईंट का प्रयोग किया गया, पर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत साफ नजर आ रही है।
तय कर दिया गया है कमीशन
सूत्र बताते हैं कि एक परिसर रक्षक से लेकर उसके उपर के अधिकारियों तक का कमीशन यहां ठेकेदार ने फिक्स कर दिया है और यही कारण है कि उसे हर निर्माण कार्य का जिम्मा बड़ी ही आसानी से दे दिया जाता है। बताया जा रहा है कि अन्य ठेकेदार भी यहां कार्य लेने के लिए चक्कर लगाते हैं, पर अपने चहेते ठेकेदार को ही यहां अधिकारियों के द्वारा काम देकर खुद की तिजोरी भरी जा रही है। 
वर्सन
लगभग 15 लाख की लागत से रेंजर भवन बन रहा है। लाल ईंट और काला ईंट दोनों का प्रयोग यहां किया जा रहा है। निर्माण कार्य का टेंडर नहीं निकाला गया था, लेकिन मटेरियल का टेंडर निकाला गया था। 
एनआर खुंटे
एसडीओ, रायगढ़

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