रिपोर्ट / साढ़े चार साल में सरकार 30 में से 9 आर्थिक सुधार पूरे कर पाई, 6 शुरू ही नहीं हो पाए
Mon, Nov 5, 2018 8:27 PM
- यूनीफाइड नेशनल टैक्स, दिवालिया प्रक्रिया जैसे प्रमुख सुधार लागू हुए
- डिफेंस, इंश्योरेंस, रिटेल में एफडीआई बढ़ाने के सुधारों पर काम जारी
- अमेरिकी थिंक टैंक सीएसआईएस ने यह रिपोर्ट जारी की
नई दिल्ली. मोदी सरकार साढ़े चार साल के कार्यकाल में 30 प्रमुख सुधारों में से सिर्फ 9 पूरे कर पाई। पंद्रह रिफॉर्म आंशिक रूप से पूरे किए गए जबकि, 6 शुरू ही नहीं हो पाए। अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) ने सरकार के सुधार कार्यों का पूरा स्कोर कार्ड जारी किया है। सीएसआईएस सरकार के रिफॉर्म के मंथली डेटा जुटाता है।
ये रिफॉर्म पूरे हुए
- कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में विदेशी निवेश को बढ़ावा
सरकार ने निर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश से संबंधित लगभग सभी प्रतिबंध खत्म किए। प्रोजेक्ट साइज कम से कम किए और पूंजी निवेश का लॉक-इन पीरियड घटाकर 3 साल कर दिया।
- रेलवे में 50% से ज्यादा एफडीआई
रेलवे से जुड़े ज्यादातर सेक्टर में 100% तक विदेशी निवेश की मंजूर दी गई।
- टेलीकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी में पारदर्शिता
स्वतंत्र और निष्पक्ष ऑक्शन प्रक्रिया शुरू की गई। निजी कंपनियों की ओर से कोई शिकायत नहीं आई।
पिछले साल 1 जुलाई को देशभर में जीएसटी लागू हुआ।
- डीजल कीमतों का डीरेग्युलाइजेशन
अक्टूबर 2014 में सरकार ने कीमतें बाजार के हवाले कर दीं।
- इंडस्ट्रियल लाइसेंस की एक्सपायरी का समय बढ़ाना
सरकार ने अधिकतम वैधता 2 साल से बढ़ाकर 7 साल कर दी।
- कोल माइनिंग सेक्टर में निजी, विदेशी निवेश
संसद ने इससे जुड़े कोल माइंस को एक्ट को मंजूरी दी।
- दिवालिया प्रक्रिया में तेजी लाना
साल 2016 में सरकार ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) लागू किया।
- सेक्टोरल निवेश से लिमिट हटाई
इन सुधारों पर काम शुरू नहीं हो सका
- उर्वरक की कीमतों का डीरेग्युलाइजेशन
- केरोसीन की कीमतों का डीरेग्युलेशन
- कारोबारियों को 10 दिन में परमिट देना
- कारोबार शुरू करने के लिए क्लीयरेंस प्रक्रिया में तेजी लाना
- विदेशी वकीलों को देश में प्रैक्टिस की मंजूरी
- भारतीय कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेश की सीमा बढ़ाना
ये रिफॉर्म आंशिक रूप से पूरे, इन पर काम जारी
- डिफेंस में 50% से ज्यादा एफडीआई की मंजूरी
- रिटेल ई-कॉमर्स में 50% विदेशी निवेश की मंजूरी
- इंश्योरेंस में 50% से ज्यादा एफडीआई
- नेचुरल गैस की कीमतों का डीरेग्युलेशन
- रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
- फाइनेंशियल रेग्युलेशन
- प्रस्तावित रेग्युलेशन के लिए 30 दिन का नोटिस और सुझाव पीरियड अनिवार्य करना
- राज्यों के लिए जमीन खरीद को आसान बनाना
- मल्टी ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश की बाधाएं कम करना
- सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश की बाधाएं कम करना
- कॉरपोरेट से जुड़े नियमों में ढील
- कृषि से जुड़ी वस्तुओं पर न्यूनतम मूल्य की अनिवार्यता खत्म करना
- प्रायरिटी सेक्टर को लोन देने के लिए बैंकों पर दबाव खत्म करना
- नकद सब्सिडी देने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का इस्तेमाल
- गुड्स सब्सिडी के लिए डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफल का इस्तेमाल
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