नई दिल्ली. राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र और देश को बचाने के लिए कांग्रेस और तेदेपा साथ मिलकर काम करेंगे। तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारुख अब्दुल्ला, राकांपा चीफ शरद पवार और राहुल से मुलाकात की। उन्होंने कहा- हमारा लक्ष्य देश और संविधान को बचाना है। जब उनसे गठबंधन और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इस पर बैठकर बात करेंगे। नायडू विपक्ष दलों के नेताओं से मिलने के लिए गुरुवार को हफ्तेभर में दूसरी बार दिल्ली पहुंचे थे।
मुलाकात के बाद राहुल गांधी और चंद्रबाबू ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा, ''हमें देश का भविष्य बचाना है। कांग्रेस और तेदेपा एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। हमारी मुलाकात अच्छी रही। लोकतंत्र और संस्थाओं को बचाने के लिए सभी विपक्ष दलों को साथ आना चाहिए।''
नायडू ने कहा, ''कांग्रेस देश का मुख्य विपक्षी दल है। हमें दिल्ली में नहीं, बल्कि देश में रुचि है। देश की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए काम करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य देश और संविधान को बचाना है। कौन प्रधानमंत्री बनेगा, ये बाद की बात है। इसके लिए हम मिलकर बातचीत करेंगे।''
अखिलेश ने नायडू से फोन पर बात की थी
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को नायडू से फोन पर बात की थी। उन्होंने तेदेपा प्रमुख से कहा कि वे भाजपा के खिलाफ मोर्चा तैयार करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। शनिवार को नायडू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव और बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की थी। चंद्रबाबू मई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के शपथ समारोह में राहुल गांधी से मिले थे। इस समारोह में विपक्ष के कई दलों के नेता शामिल हुए थे।
भाजपा की राजनीति से लोकतंत्र को खतरा: नायडू
इसके बाद उन्होंने कहा था कि हम एक जैसी सोच रखने वाले दलों को एकजुट कर भाजपा का विकल्प तैयार करना चाहते हैं। भाजपा की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरा है। हमारा कर्तव्य है कि देश को इस खतरे से बचाया जाए। उन्होंने दावा किया था कि मुझे पहले दो बार प्रधानमंत्री पद का ऑफर मिल चुका है, लेकिन मैंने मना कर दिया। अब तेदेपा का राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का वक्त आ गया है।
मार्च में एनडीए से अलग हुई थी तेदेपा
तेदेपा पहले केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल थी, लेकिन आंध्र के लिए विशेष पैकेज की मांग को लेकर पार्टी ने मार्च में गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया था। उन्होंने नायडू ने मोदी सरकार पर आंध्रप्रदेश की जनता के साथ अन्याय और अपमान करने का आरोप लगाया था। कहा था कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में किए वादे पूरे नहीं किए।
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