सैन फ्रांसिस्को. एपल ने गुरुवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित किए। सालाना आधार पर मुनाफा 32% और आईफोन से कमाई 29% बढ़ी है। एपल के सीईओ टिम कुक ने कहा कि रुपए में कमजोरी की वजह से भारत में कंपनी दबाव महसूस कर रही है। यहां की करंसी में गिरावट एपल के भारतीय बिजनेस के लिए चुनौती है। हालांकि, कुक ने लॉन्ग टर्म में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि भविष्य में भारत की बड़ी आबादी मिडिल क्लास वाली होगी। भारत सरकार आर्थिक सुधारों के लिए बड़े कदम उठा रही है।
एपल ने आईफोन की बिक्री जुलाई-सितंबर में ज्यादा नहीं बढ़ी। इसके बावजूद मुनाफा सालाना आधार पर 32% बढ़कर 14.13 अरब डॉलर रहा। आईफोन से कमाई में 29% का इजाफा हुआ। इसकी वजह आईफोन की औसत कीमत में 29% बढ़ोतरी है। यह 618 डॉलर से बढ़कर 793 डॉलर हो गई है।
आईफोन की औसत कीमत इसलिए बढ़ी क्योंकि एपल ने महंगे प्रोडक्ट लॉन्च किए। पिछले साल 999 डॉलर कीमत वाला आईफोन एक्स बाजार में उतारा। इस साल सितंबर में लॉन्च हुए आईफोन एक्सएस मैक्स की कीमत 1099 डॉलर रखी गई।
सितंबर तिमाही में कंपनी ने 4.68 करोड़ आईफोन बेचे। पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 4.67 करोड़ था। एपल का मुनाफा 32% बढ़कर 14.13 अरब डॉलर रहा।
आईफोन की बिक्री को छोड़ बाकी आंकड़े विश्लेषकों के अनुमान से ज्यादा रहे। जुलाई-सितंबर में प्रति शेयर आय 2.91 डॉलर रही। एनालिस्ट को 2.78 डॉलर की उम्मीद थी। रेवेन्यू 20% बढ़कर 62.9 अरब डॉलर रहा। विश्लेषकों ने 61.57 अरब डॉलर का अनुमान जताया था।
एपल ने जुलाई-सितंबर में 97 लाख आईपैड बेचे। इनकी बिक्री से 4.09 अरब डॉलर का रेवेन्यू मिला। इस दौरान मैक की बिक्री 53 लाख यूनिट रही। इससे 4.1 अरब डॉलर की आय हुई।
तिमाही नतीजों के ऐलान के बाद एपल के शेयर में तेज गिरावट आई। कुछ समय के लिए कंपनी का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर से नीचे आ गया। हालांकि, बाद में रिकवर हो गया। एपल ने अगली तिमाही के लिए रेवेन्यू गाइडेंस 89 से 93 अरब डॉलर दिया है। विश्लेषक 93.02 अरब डॉलर की उम्मीद कर रहे थे।
कमजोर रेवेन्यू गाइडेंस और नतीजों की घोषणा के तरीके में बदलाव की वजह से एपल के शेयर में गिरावट आई। कंपनी अगली तिमाही से आईफोन, आईपैड और मैक की बिक्री के आंकड़े जारी नहीं करेगी।
एपल इंडिया ने बुधवार को वित्त वर्ष 2018 के नतीजे घोषित किए थे। भारत में कंपनी ने 13,098 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। यह वित्त वर्ष 2017 के मुकाबले करीब 1,400 करोड़ रुपए ज्यादा है। एपल इंडिया के रेवेन्यू में 12% की ग्रोथ हुई है।
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