जॉन राजेश पॉल। रायपुर. प्रदेश की राजनीति में दांव-पेंच चलने वाले नेताओं की दूसरी खूबियों को लेकर अपनी अलग पहचान भी है। भाजपा-कांग्रेस के कई नेता न सिर्फ खेलों के धुरंधर खिलाड़ी हैं, बल्कि गाने-बजाने, योगा और कई विधाओं में भी इनकी मास्टरी है। इन खूबियों की वजह से उन्हें पहचान भी मिली। राजनीति में भी आगे बढ़ने में मदद मिली, क्योंकि उनके फैंस की वजह से उनका जनाधार बना।
गृहमंत्री रामसेवक पैकरा राजनीति के पैंतरों में कभी-कभी मात खा जाते हैं, लेकिन योगा में उनका कोई सानी नहीं। कठिन योगासन वे इतनी सहजता से करते हैं कि लोग देखते रह जाएं। सबसे कठिन माने जाने शीर्षासन करते वक्त वे सिर के बल ऐसे खड़े रहते हैं। विधानसभा में 21 जून को योग दिवस पर उन्हें इस मुद्रा में देखकर एक विधायक ने टिप्पणी की थी कि वे सिर के बल भी चल सकते हैं।
मेघाराम साहू : कबड्डी से इनाम दिलाते थे, इसलिए टीचर की मार से बचते रहे
पूर्व शिक्षा मंत्री और सक्ती सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के मेघाराम साहू कबड्डी के खिलाड़ी रहे हैं। पढ़ाई के दौरान टीचर से अक्सर मार पड़ती थी। क्लास टीचर उन्हें इसलिए माफ कर देती थी कि स्कूल की कबड्डी टीम को उनकी वजह से सम्मान मिलता था।
अजीत जोगी : घुड़सवारी-पोलो में माहिर रहे
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के अपने शौक हैं। वे घुड़सवारी में माहिर हैं। इसी वजह से वे पोलो के मंजे हुए खिलाड़ी भी बने। भोपाल विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपने इस शौक को और आगे बढ़ाया। उन्हें किताबें पढ़ने का भी बड़ा शौक है। 1967 में जब वे आईएएस ट्रेनी थे, तब लालबहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में उनका पोलो का हुनर देखते ही बनता था।
पुन्नूलाल मोहले: आप जो भी कहें, क्षण में उसी विषय पर कर देते हैं तुकबंदी
खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहले तुकबंदी में माहिर हैं। कोई भी मंच हो, उनके भाषणों में कहीं न कहीं तुकबंदी जरूर होती है। उनके बारे में कहा जाता है कि कोई नाम हो, शहर हो या कोई भी मुद्दा... कुछ ही क्षण में उनके दिमाग में तुकबंदी आ जाती है।
दिलीप लहरिया : छत्तीसगढ़ी गानों के हनी सिंह
कांग्रेस के इन विधायक की गाने में कोई सानी नहीं। इनके फैंस तो इन्हें छत्तीसगढ़ का हनी सिंह भी कहते हैं। लहरिया प्रोग्राम के दौरान ऐसा समां बांधते हैं कि बस लोग झूमते ही रहते हैं। लहरिया दर्शकों के उत्साह को उस चरम तक ले जाते हैं कि वे कार्यक्रम खत्म ही नहीं होने देते। ऐसे में लहरिया को गाड़ी स्टार्ट करके रखवाना पड़ता है, ताकि मौका मिलते ही निकल सकें। इनके गानों के कई एलबम भी हैं।
विजय बघेल : कई राज्यों में जाकर खेल चुके हैं कबड्डी
पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल भी कबड्डी के माहिर खिलाड़ी हैं। रायपुर में उन्होंने ब्राह्मणपारा में विनोद स्मृति टीम बनाई थी। उन्होंने इस टीम के साथ हरियाणा, प. बंगाल, ओडिशा, केरल, पंजाब तक छत्तीसगढ़ का परचम लहराया। वे रविशंकर विश्वविद्यालय की टीम में भी रहे। उनके साथ पूर्व सिंचाई मंत्री हेमचंद यादव छोटे भाई शशिकांत ने भी कबड्डी खेली।
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