वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल को रूस और चीन चोरी-छिपे सुन रहे हैं। यह सनसनीखेज खुलासा किया है अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने देश के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के नाम का खुलासा किए बगैर अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
एजेंसियों ने कहा कि चीन के जासूस अक्सर फोन पर होने वाली इन बातचीत को सुनते हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस की तरफ से इस रिपोर्ट पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस आधार पर ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन की पॉलिसी के खिलाफ रणनीति बनाई जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप अपने दोस्तों से बातचीत करने के लिए आईफोन का इस्तेमाल करते हैं।
अधिकारियों के कई बार मना करने के बावजूद भी वह आईफोन का इस्तेमाल बंद नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी एजेंसियों ने राष्ट्रपति से कई बार कहा कि वह ज्यादा सुरक्षित लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल करें, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा अधिकारी चिंतित हैं।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि चीन और रूस दूसरे देशों की सरकारों में अपने सूत्रों के जरिए राष्ट्रपति की फोन पर होने वाली बातचीत को सुन रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इसलिए ट्रंप के फोन सुन रहा है क्योंकि वह जानना चाहता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति किस तरह सोचते हैं, किस तरह के तर्क पेश करते हैं और वह किन लोगों से बात करना चाहते हैं।
अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि चीन ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की है, जिनसे ट्रंप नियमित रूप से बात करते हैं। चीन को उम्मीद है कि इन लोगों की मदद से वह राष्ट्रपति को प्रभावित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ट्रंप के सीधे संबंध हैं, लिहाजा रूस चीन जैसी जासूसी नहीं कर सकता।
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