रांची। एंटी टेरिरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) की टीम ने रांची में चल रही देशद्रोही गतिविधियों और खुफिया सूचनाओं को लीक करने के खेल का भंडाफोड़ किया है। एटीएस ने रांची में दो स्थानों पर छापेमारी कर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए गिरोह के सदस्य रांची में टेलिकॉम कंपनी का टावर लगाकर सिमबॉक्स चला रहे थे। इसे दुबई से ऑपरेट किया जा रहा था। सिमबॉक्स का इस्तेमाल रांची से कश्मीर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने, दंगा भड़काने के अलावा सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं को लीक करने के लिए किया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार एटीएस की छापेमारी रांची के अलावा जमशेदपुर, धनबाद, जामताड़ा और पाकुड़ में भी चल रही है। दो दर्जन से अधिक टीमें छापेमारी में लगी हुई हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारी इस संबंध में गोपनीयता बरत रहे हैं और पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
इस गिरोह को पकड़ने के लिए एटीएस ही नहीं सीआईडी और स्पेशल ब्रांच भी जुटी थी। इस गिरोह पर इंटरपोल की भी नजर थी। एक विशेष अभियान के दौरान एटीएस की टीम ने रांची के कांटाटोली और कांके रोड में छापेमारी कर दर्जन भर लोगों को हिरासत में लिया है।
एटीएस एसपी सहित कई अधिकारी हिरासत में लिए गए आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं। इनके पास से 10 हजार सिम कार्ड और सिमबॉक्स बरामद किए गए हैं। अब तक की पूछताछ में जानकारी मिली है कि एक ही व्यक्ति के नाम पर 10 हजार सिम कार्ड इश्यू किए गए थे।
सिम बॉक्स के संचालकों ने खुद के ठिकाने पर टावर भी लगाकर रखा था, ताकि इनके कॉल को कोई ट्रेस न कर सके। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए आरोपित युवकों ने बताया कि बल्क मैसेज भेजकर उन्माद फैलाने का काम करते थे।
इसके लिए दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश से फंडिंग होती है। इससे कई देशों का तार जुड़ा है। आतंकी संगठनों का भी जुड़ाव है। बताया जा रहा है कि ये खुफिया तंत्रों की सूचना को लीक किया करते थे।
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