नई दिल्ली. सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त कर दिया। जांच जारी रहने तक सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया। इसका आदेश मंगलवार देर रात 2 बजे जारी किया गया। विपक्ष ने सरकार के इस अचानक दखल पर सवाल उठाए। इस पर कैबिनेट बैठक के बाद बुलाई गई सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिए।
जेटली ने कहा- ‘‘सरकार ने सिर्फ केंद्रीय सतर्कता आयोग की सिफारिशों को माना है और निष्पक्ष जांच के लिए दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेजा गया है। किसी एक अफसर को बचाने के विपक्ष के आरोप बेतुके हैं।’’ दरअसल, अस्थाना और उनकी टीम के एक डीएसपी पर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही 2 करोड़ रुपए की घूस ली है।
एक अफसर को बचाने के विपक्ष के आरोपों पर सरकार का जवाब
सीबीआई का अपने ही दफ्तर में दूसरी बार छापा
सीबीआई ने बुधवार को तीन दिन में दूसरी बार अपने ही मुख्यालय पर छापा मारा। अफसरों ने वर्मा और अस्थाना के दफ्तरों की फाइलें खंगाली। सीबीआई ने सोमवार को भी यहां छापा मारा था। इस बीच, छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस पर 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
प्रशांत भूषण ने भी लगाई याचिका
वकील प्रशांत भूषण ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना को बचा रही है। दो साल की अवधि से पहले किसी भी सीबीआई चीफ को नहीं हटाया जा सकता। इसके बावजूद आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया। सरकार राफेल डील की जांच से बचना चाह रही है। वर्मा की जगह नागेश्वर राव को सीबीआई का इंटरिम चीफ बनाया है जबकि राव के खिलाफ भी कई संगीन आरोप हैं।
अस्थाना ने एफआईआर को हाईकोर्ट में दी है चुनौती
सीबीआई ने इस मामले में अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और अस्थाना की एसआईटी के एक डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। अस्थाना ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में अदालत 29 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। तब तक अस्थाना के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगाई गई है।
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