जबलपुर. शहर प्रसिद्ध पड़ाव वाली काली माता समिति द्वारा देवी की मृर्ति को नर्मदा में विसर्जन करने को लेकर ग्वारीघाट पर विवाद हो गया। समिति से जुड़े लोगों ने देवी मूर्ति को जबरन नर्मदा नदी में करने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोका तो वह विवाद करने लगे। इससे पुलिस और समिति के लोगों के बीच तनातनी बढ़ गई और फिर जमकर विवाद हुआ। इसके बाद समिति के लोगों ने पुलिस की कई गाड़ियां जला दीं, तोड़फोड़ और पथराव किया। इससे आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस जवान घायल हो गए हैं।
पथराव और तोड़फोड़ में दस लोग घायल हुए हैं, पुलिस के चार जवान शामिल हैं। मौके पर कलेक्टर छवि भारद्वाज के अलावा एसपी भी पहुंचे गए हैं। उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने पथराव करने वाले दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, समिति से जुड़े लोगों के खिलाफ भी पुलिस एफआईआर दर्ज करने जा रही है।
हाईकोर्ट का आदेश - नर्मदा में नहीं विसर्जित होंगी मूर्तियां : हाई कोर्ट ने प्रतिमा विसर्जन को लेकर आदेश जारी किया है कि नर्मदा नदी में मूर्तियों का विसर्जन नहीं होगा। इसके लिए अलग से एक कुंड बनाया गया है, जिसमें विसर्जन होना था। लेकिन पड़ाव वाली माता से जुड़ी समिति के लोगों ने जबरन मूर्ति को नर्मदा में विसर्जित करने की कोशिश की। इसके बाद मौके पर हालात बेकाबू हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसमें कई लोगों को चोंटे आईं और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दीं।
सोमवार को सुबह निकला जुलूस आज सुबह पहुंचा घाट : ये जुलूस शहर के अलग-अलग इलाकों से निकलता है। इसमें 24 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाता है। इसमें शामिल होने के लिए आस-पास के इलाकों से हजारों लोग आते हैं। इस जुलूस को लेकर पहले ही पुलिस ने समिति से जुड़े लोगों के साथ बैठक करके समझाइश दी थी कि प्रतिमा विसर्जन नर्मदा नदी में नहीं होगा, लेकिन इसके बावजूद समिति ने आज सुबह ग्वारीघाट में प्रतिमा विसर्जन की कोशिश की, जिसके बाद हालात बिगड़ गए।
लोकल लेवल पर विवाद हुआ था, समिति के कुछ लोगों ने पथराव किया और गाड़ियों में आग लगाई है। अब स्थिति काबू में है, धारा-144 नहीं लगाई गई है। उपद्रव करने वालों को हिरासत में लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज भी देख रहे हैं।
छवि भारद्वाज, कलेक्टर, जबलपुर
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