रियाद. सऊदी अरब की सरकार ने शनिवार को पहली बार कबूला कि इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में हाथापाई के दौरान पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो गई थी। सऊदी के विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में लिखा, ‘‘सरकार की शुरुआती जांच में सामने आया कि दूतावास में खशोगी से पूछताछ की गई थी। उस दौरान मारपीट में पत्रकार मारा गया।’’
खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से निकाह करना चाहते थे। इसकी अनुमति के लिए वे 2 अक्टूबर को दस्तावेज लेने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे, लेकिन वहां से नहीं लौटे।
सऊदी अरब के नागरिक रहे खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे। उनके सऊदी के शाही परिवार से अच्छे रिश्ते थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से वे प्रिंस सलमान के खिलाफ लिख रहे थे। यह सऊदी अरब को नागवार गुजर रहा था। इसी वजह से इस्तांबुल के दूतावास में उनके साथ मारपीट की गई। 1980 के दशक में खशोगी ने ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू भी लिया था।
खशोगी के लापता होने के बाद सऊदी अरब के अधिकारी ने पहली बार पत्रकार की हत्या होने की बात कबूल की है। 2 अक्टूबर से अब तक सऊदी के अधिकारी बार-बार दावा कर रहे थे कि खशोगी दूतावास से सही-सलामत बाहर निकले थे। उनके बारे में कोई और जानकारी नहीं है।
तुर्की के अधिकारियों ने कई दिन पहले ही खशोगी की हत्या होने की जानकारी दी थी। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि सबूत के तौर पर तुर्की के पास वीडियो और ऑडियो हैं, जिनसे पता चलता है कि पूछताछ के दौरान खशोगी की हत्या कर दी गई। उसकी लाश के कई टुकड़े कर दिए गए।
सऊदी अरब की सरकार का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद पांच उच्च अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया गया और 18 को गिरफ्तार किया गया। बर्खास्त किए जाने वालों में क्राउन प्रिंस सलमान मोहम्मद बिन सलमान के सलाहकार सऊद अल-क्वहतानी और डिप्टी इंटेलिजेंस चीफ मेजर जनरल अहमद अल-असीरी भी शामिल हैं।
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