निकष परमार/प्रमोद साहू। रायपुर. बस्तर और राजनांदगांव के बड़े इलाके में, जहां पहले चरण का मतदान होना है, वहां नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान कर रखा है। वे कोशिश करेंगे कि लोग वोट न डालें। मगर सुरक्षा बल के जांबाज जवान भी तैयार हैं। पहले से मौजूद फोर्स के अलावा बड़े पैमाने पर अतिरिक्त कंपनियां बस्तर-राजनांदगांव के नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंच रही हैं।
उनकी तैनाती चल रही है। बस्तर से लगे धमतरी जिले में एक दिन पहले बहिष्कार की योजना बना रहे नक्सलियों पर धावा बोलकर फोर्स ने अपने इरादे बता दिए हैं। बस्तर की 12 सीटों में कुल 2.62 लाख वोटर हैं। इन सीटों पर 1.19 लाख जवान चुनाव कराएंगे। इस लिहाज से हर 17 वोटरों के पीछे एक जवान तैनात होगा।
हाल ही में नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में नक्सलियों ने बैनर लगाकर लोगों से विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था। बैनर-पर्चों में भाजपा सरकार और संघ पर निशाना साधा जा रहा है। वहीं मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को जनसंहार बताया है।
बैनर में लोकतंत्र को झूठ और चुनाव को धोखा बताया गया है। साथ ही संसदीय लोकतंत्र को उखाड़ फेंकने की बात भी कही गई है। पूरे बैनर में सबसे ज्यादा नक्सलियों के निशाने पर भाजपा नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ही हैं।
ग्रामीण बहकावे में आ जाएं, इसके लिए नक्सली नित नए पैंतरे आजमा रहे हैं। कभी दीवारों पर चुनाव बहिष्कार के नारे तो कभी बैनर-पोस्टर या पर्चे। पर्चों पर बस्तर स्पेशल जोन व दंडकारण्य कमेटी लिखा है। आशंका है कि इलाके में बस्तर के नक्सलियों ने पैठ जमाना शुरू कर दिया है।
नक्सलियों ने बीजापुर के पेंगड़ापल्ली-गोरला के बीच एनएच पर बहिष्कार के बैनर लगाए थे। इस बैनर में दलित, गोरक्षा, मॉबलिचिंग, घर वापसी, लव जिहाद जैसे मुद्दे भी लिखे गए थे।
नक्सलियों का एक दल पुकदा गांव पहुंचा था, जहां उन्होंने मंच व शौचालय की दीवार पर चुनाव बहिष्कार करने की बात लिखी। पर्चे भी फेंके। पुलिस ने वहां जाकर नक्सलियों की लिखी धमकी को मिटाया।
राजनांदगांव के मानपुर इलाके के कुछ गांवों में भी कुछ दिन पहले नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार संबंधी पर्चे फेंके थे। खबर मिलने पर पुलिस ने वहां पहुंचकर इन पर्चों को जब्त कर लिया।
धमतरी के नगरी थाने से 17 किमी दूर मटियाबाहरा जंगल में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार के लिए अस्थायी कैंप बनाया था। एक दिन पहले ही पुलिस पहुंची तो फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ के बाद वे भाग निकले।
सुकमा कोंटा के बीच नेशनल हाइवे 30 पर नक्सलियों ने हाल ही में चुनाव बहिष्कार संबंधी पर्चा फेंका था। इसी तरह दोरनापाल-जगरगुंडा मार्ग पर उन्होंने बैनर-पोस्टर लगाकर बहिष्कार का आह्वान किया था।
बस्तर की 12 सीटों की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम करने बाहर से फोर्स आने लगी है। यहां कुल 80 हजार जवान आएंगे। 25 हजार आ चुके हैं। सेंट्रल के 22 हजार और पुलिस-एसटीएफ के 17 हजार जवान पहले से हैं। इस तरह कुल 1.19 लाख जवान ड्यूटी देंगे। 12 सीटों में 4165 बूथ हैं। एक की सुरक्षा पर 35 से 40 जवानों की ड्यूटी लगाई जा रही है, जो आधुनिक हथियार के अलावा गोला-बारूद तक से लैस होंगे। बाहर से आई फोर्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है।
केंद्र से बस्तर की 12 सीटों के लिए इतने ही हेलिकॉप्टर दिए जा रहे हैं, ताकि मतदान दल के अलावा मतदाताओं को भी लिफ्ट किया जा सके। हर केंद्र की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। हेलिकॉप्टर भी निगरानी के काम आएंगे। चुनाव के लिए पुलिस की ओर से नोडल अफसर बनाए गए आईजी दीपांशु ने अधिकृत आंकड़े तो नहीं दिए, लेकिन इतना जरूर कहा कि फोर्स बस्तर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। हमारी फोर्स आधुनिक संसाधनों से लैस और चौकस रहेगी।
जंगल के भीतर के गांवों में भी मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी फोर्स के लड़ाकू दस्ते, कोया कमांडो, कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ को दी गई है। मतदाताओं की सुरक्षा के लिए लड़ाकू दस्ते तैनात किए गए हैं। इन जवानों ने इलाके में सर्चिंग शुरू कर दी है, ताकि मतदाताओं को सुरक्षा का पूरा भरोसा हो जाए और वे शांति से वोट डाल सकें। आयोग और फोर्स का फोकस उन बूथों, सीटों पर अधिक है, जहां पिछली बार वोट परसेंटेज काफी कम था।
सुकमा जिले में 232 पोलिंग बूथ हैं, फोर्स को जिनका ध्यान रखना है। इनमें से 212 कोंटा विधानसभा क्षेत्र के बूथ हैं, 16 चित्रकोट के और 4 जगदलपुर के। पिछली बार यहां 41 मतदान केंद्र शिफ्ट किए गए थे। इस बार 38 किए जा रहे हैं। इस बार 40 बूथों पर मतदान दल को हेलीकाप्टर से भेजा और लाया जाएगा।
इन्हें कुछ दूरी बाइक से भी तय करनी होगी। जिले में अतिरिक्त फोर्स अब दिखने लगी है। यहां इस बार 64 अतिरिक्त कंपनियां मांगी गई हैं। इतनी मिल भी रही हैं। इन्हें थानों और कैंपों में ठहराया जा रहा है। यहां सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ, सीएएफ, डीआरजी, जिला पुलिस के जवान तैनात हैं। थाने और कैंप मिलाकर इनकी तैनाती के 54 पाइंट हैं।
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