बॉलीवुड डेस्क. मुम्बई की एक अदालत ने आलोकनाथ द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने एक्टर आलोकनाथ पर दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विनता नंदा को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके उनके खिलाफ टिप्पणी करने को भी अलाउ कर दिया है।
अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को : आलोक नाथ के मानहानि वाले मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके वकील से कहा कि दायर किए गए मुकदमें में तकनीकी दिक्कतें हैं और इनमें जरूरी सुधार किया जाना चाहिए। आलोक नाथ के वकील ने कोर्ट में कहा था कि उन्हें अदालत में हाजिर होने से छूट दी जानी चाहिए। डिफेंस के वकील ने इस पर ऑब्जेक्शन किया और कहा कि वह मेन व्यक्ति हैं और उनका हाजिर होना जरूरी है। कोर्ट ने भी आलोक नाथ के हाजिर न रहने पर नाराजगी जाहिर की और 25 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान उनको हाजिर रहने का निर्देश दिया।
बुधवार को दर्ज कराई थी रिपोर्ट : राइटर, प्रोड्यूसर विनता नंदा ने बुधवार को 19 साल बाद दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न करने के मामले में आलोकनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। यह रिपोर्ट मुम्बई के ओशिवारा थाने में दर्ज कराई गई थी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखकर न्याय की मांग की है। इसके पहले आलोक नाथ उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा चुके हैं। गौरतलब है कि विनता नंदा ने अपने फेसबुक पोस्ट में अलोकनाथ पर आरोप लगाया था। नंदा ने अपनी पोस्ट में ये भी बताया है कि आलोकनाथ ने सीरीयिल तारा की लीड एक्ट्रेस नवनीत निशान के साथ भी सेक्शुअल हैरेसमेंट किया।
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