रायगढ़. एसईसीएल की कोयला खदानों में बड़ी गड़बड़ी के किस्से तो सामने आते ही रहते हैं। कभी गे्रड में हेराफेरी का तो कभी कमीशनखोरी का तो कभी ठेकेदार को बड़ा लाभ पहुंचाने का, लेकिन इस बार बडे अधिकारियों की देखरेख में बरौद कोयला खदान में लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपए की बड़ी हेराफेरी सामने आयी है। जिसमें ओवर बर्डन याने कोयले खनन के समय मिट्टी हटाने के कार्य में ठेकेदार को बिना काम के ही करोड़ो रुपए का भुगतान कर दिया गया, पर खदान के भीतर ओवर बर्डन का काम हुआ ही नहीं। एक शिकायत के आधार पर एसईसीएल की बिलासपुर से आई विजिलेंस टीम ने पांच दिन पहले अचानक छापामार कार्रवाई करते हुए इस बड़ी गड़बडी को पकड़ा है। जिसमें एसईसीएल के बड़े अधिकारी के साथ-साथ बरौद के कई अधिकारी की मिलीभगत सामने आ रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने हमारे संवाददाता को बताया कि सप्ताह भर पहले विजिलेंस टीम ने एक शिकायत के आधार पर अचानक बरौद कोयला खदान में ओवर बर्डन के नाम पर कोरबा के एक ठेकेदार को बिना काम के ही पेमेंट कर दिया और यह पेमेंट साढे 3 करोड़ रुपए का है। जबकि ठेकेदार ने खदान के भीतर कोयले के आसपास जमा मिट्टी को हटाया तक नहीं। इतना ही नहीं मिट्टी को नहीं हटाने से कोयला खनन का काम बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ और इसी के चलते बरौद खदान में उत्पादन भी ठप्प हो गया। जानकार सूत्रों से बताया कि लंबे समय से इस कालरी के भीतर एरिया मैनेजर ने अपने बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर ओवर बर्डन के फर्जीवाड़े का न केवल अंजाम दिया है। बल्कि इसके भुगतान में मिली करोड़ो की रकम को बांट भी लिया है। छापामार कार्रवाई के दौरान विजिलेंस टीम ने भुगतान के बिलों की जांच करते हुए जब खदान के भीतर ओवर बर्डन का मेजरमेंट किया तो एक के बाद एक गड़बड़ी उजागर होती चली गई। जांच टीम ने पाया कि बरौद कालरी के भीतर कोयले के पास जमा मिट्टी को हटाया तक नहीं गया और उसका भुगतान संबंधित ठेकेदार के खाते में कर दिया गया था। इतना ही नहीं पूरे खदान के भीतर इस ओवर बर्डन के काम में हुई बड़ी गड़बड़ी के चलते एसईसीएल को करोड़ा का नुकसान भुगतान के नाम पर हुआ ही है बल्कि कोयले का उत्पादन भी प्रभावित होनें से उद्योगों तक पहुंचने वाला कोयला निकाला ही नहीं गया। अधिकारियों ने इस मामले में इतनी घोर लापरवाही बरती है जिसकी जांच के लिए विजिलेंस टीम ने अब कलकत्ता की टीम को बुलाकर ओवर बर्डन की जांच मशीनों से कराने का निर्णय लिया है। ताकि इसमें सीधे-सीधे जिन जगहों पर ओवर बर्डन का भुगतान बताया गया है वहां जांच के बाद फर्जी भुगतान में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। बताया जा रहा है कि कलकत्ता की टीम जल्द ही बरौद पहुंचने वाली है और उसके बाद इस मामले में करोड़ो के फर्जी भुगतान करने में शामिल एसईसीएल के बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
गड़बड़ी की हुई थी शिकायत
सूत्रों की मानें तो एसईसीएल के कोयला खदान में ओवर बर्डन का खेल लगातार खेला जा रहा है और इसमें जिला मुख्यालय के बड़े अधिकारी के ईशारे पर संबंधित एरिया मैनेजर बड़े आराम से ठेकेदार से मिलकर फर्जी भुगतान के जरिए मोटी रकम कमाते हैं, लेकिन इस बार इस गड़बडी की शिकायत किसी ने एसईसीएल के मुख्यालय में कर दी थी। इससे विजिलेंस टीम ने यहां पहुंचकर इस गड़बड़ी को न केवल पकड़ा है। बल्कि यह भी पाया है कि कोरबा के ठेकेदार को जो भुगतान किया गया है वह पूरी तरह फर्जी है। साथ ही साथ ओवर बर्डन का काम नही होनें से एसईसीएल को करोड़ो रूपए का नुकसान कोयले का उत्पादन नही होनें से भी उठाना पड़ रहा है।
मामले को दबाने का कर रहे प्रयास
विजिलेंस टीम के छापे से एसईसीएल में हड़कंप मचा हुआ है और मामले को दबाने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास भी किए जा रहे हैं। बहरहाल विजिलेंस टीम ने पूरी रिपोर्ट बनाकर अपने बड़े अधिकारियों को सौंप दी है और इस रिपोर्ट के आधार पर ही जल्द ही कलकत्ता की एक बड़ी टीम अत्याधुनिक मशीनों के साथ ओवर बर्डन की जांच नए तरीके से भी करेगी। उसके बाद अधिकारियों के उपर मामला दर्ज करके वसूली की भी कार्रवाई करने के संकेत सूत्रों ने दिए हैं।
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