भोपाल. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उनके भाषणों से कांग्रेस को नुकसान पहुंचता है इसलिए उन्होंने प्रचार से दूरी बना ली है। शनिवार को उन्होंने भोपाल में कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को मिले, जिताओ। और मेरा काम केवल एक, कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं, इसलिए मैं जाता नहीं।’’
दिग्विजय के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न कहा, ‘‘कम से कम कांग्रेस के लोग अपने नेता की इज्जत करें। मैंने सोचा नहीं थ्ज्ञा कि कांग्रेस अपने नेता की यह दुर्दशा करेगी।’’
वहीं, कमलनाथ ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया।’’
दिग्विजय पर्दे के पीछे : दिग्विजय मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं, लेकिन वे पर्दे के पीछे ही सक्रिय हैं। राज्य में अभी मुख्य रूप से कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ही सक्रिय रूप से प्रचार करते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों राहुल की भोपाल में सभा थी। यहां कार्यक्रम स्थल के बाहर राज्य में दूसरी पंक्ति के नेताओं तक के कटआउट लगे थे, लेकिन दिग्विजय के कटआउट नदारद थे। इस मामले पर कमलनाथ ने उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।
मायावती का आरोप- कांग्रेस-बसपा गठबंधन में दिग्विजय ने रोड़ा अटकाया : दिग्विजय सिंह पर बसपा प्रमुख मायावती ने भी भाजपा और संघ का एजेंट होने का आरोप लगाया था। मायावती ने कहा था कि राहुल-सोनिया राज्य में बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय जैसे नेताओं के चलते गठबंधन नहीं हो सका। दिग्विजय सिंह के इस बयान को कांग्रेसी खेमे में गुटबाजी के तौर पर देखा जा रहा था। मुख्यमंत्री शिवराज भी कांग्रेस की गुटबाजी पर निशाना साध चुके हैं।
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