Friday, 23rd May 2025

रोचक / नंदी सहित इन 6 लोगों के श्राप बने थे रावण की मृत्यु का कारण

Mon, Oct 15, 2018 6:09 PM

रिलिजन डेस्क. कभी-कभी कई ज्ञानी लोग भी ऐसी गलतियां कर देते हैं जो उनके पतन का कारण बनती हैं। ऐसा ही कुछ रावण के साथ भी हुआ था। उसे अपनी शक्ति और ज्ञान पर घमंड़ हो गया था और वो इसका दुरउपयोग करने लगा। इसके कारण इसने कई लोगों का दिल दुखाया और इन लोगों ने ही इसे श्राप देकर काल के मुंह तक पहुंचाया। आइए जानते हैं ऐसे ही श्रापों के बारे में जो रावण की मौत का कारण बने। 

इन 6 श्रापों से हुआ रावण का पतन

  1.  

    रघुवंश (भगवान राम के वंश में) के ही राजा अनरण्य थे और जब रावण विश्वविजय करने निकला तो राजा अनरण्य और रावण का युद्ध हुआ। जिसमें राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई। मरने समय उन्होंने रावण को श्राप दिया कि मेरे ही वंश में जन्मा व्यक्ति तेरी मौत का कारण बनेगा।

     

  2.  

    एक बार रावण शंकर जी से मिलने कैलाश पर्वत गया। वहां उसने नंदीजी को देखकर उनके स्वरूप की हंसी उड़ाई और उन्हें बंदर के समान मुख वाला कहा। इससे नाराज होकर नंदी ने रावण को श्राप दिया कि बंदर ही तेरा सर्वनाश का कारण बनेंगे।

     

  3.  

    रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया के साथ भी छल किया था। माया के पति वैजयंतपुर के शंभर राजा थे। एक दिन रावण शंभर के यहां गया। वहां रावण ने माया को अपनी कामवासना को शांत करने के लिए अपनी बातों में फंसा लिया। लेकिन जब इसका शंभर को लगा तो उसने रावण को बंदी बना लिया। उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। इसमें शंभर मारा गया। पति की मृत्यु के बाद जब माया सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने उसे श्राप देते हुए कहा कि तुमने अपनी कामवासना के लिए मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई। अब स्त्री की वासना ही तुम्हारी मौत का कारण बनेगा।

     

  4.  

    एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से कहीं जा रहा था। तभी उसे जंगल में एक सुंदर स्त्री दिखाई दी, जो भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। रावण ने उसे अपने साथ चलने के लिए जबरदस्ती की तो इसने अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि स्त्री ही तेरी मौत का कारण बनेगी।

     

  5.  

    रावण ने जब स्वर्ग लोक पर आक्रमण किया तो उसे वहां अप्सरा रंभा मिली। रावण उसे अपने साथ लाना चाहता था लेकिन उसने मना करते हुए कहा कि मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर से होने वाली है मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन रावण ने उसकी नहीं सुनी और उससे साथ दुराचार किया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि आज के बाद अगर रावण किसी भी औरत को उसकी इच्छा के विरूद्ध छूएगा तो रावण का मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएंगे।

     

  6.  

    रावण की बहन शूर्पणखा का विवाह विद्युतजिव्ह हुआ जो राजा कालकेय का सेनापति था। रावण जब विश्वविजय पर निकला तो उसका कालकेय से उसका युद्ध हुआ। उसमें रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। तभी शूर्पणखा ने रावण को श्राप दिया था कि मैं ही तेरे सर्वनाश का कारण बनूंगी।

     

ब्रह्मा जी के पुत्र थे रावण के दादा

  1.  

    वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण ब्रह्मा जी की मानसिक संतान पुलस्त्य मुनि का पौत्र था अर्थात् उनके पुत्र विश्रवा का पुत्र था। विश्रवा की वरवर्णिनी और कैकसी नामक दो पत्नियां थी। वरवर्णिनी ने कुबेर को और कैकसी ने रावन को जन्म दिया था।


    - कैकसी के पिता राक्षस कुल के थे और इसी कारण रावण में भी कई राक्षसों वाले अवगुण थे। रावण के अवाला कैकसी ने कुंभकरण, विभीषण, अहिरावण, खर और दूषण का जन्म दिया।


    - रावण ने ही शिव तांडव की रखना की थी। वो तंत्र, ज्योतिष और अस्त्र-शस्त्र का ज्ञाता था। इस कारण देवता भी उससे डरते थे।

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