नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को घरेलू और विदेशी तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में तेल की कीमतों में अस्थिरता से निपटने और इंपोर्ट घटाकर चालू खाता घाटा कम करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। कच्चा तेल 81 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना हुआ है। यह 4 साल में सबसे ज्यादा रेट है। पिछले दिनों यह 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था।
मोदी ने शुक्रवार को देश में तेल और गैस उत्पादन की समीक्षा की थी। बैठक में कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता 10% घटाने के उपायों पर भी चर्चा हुई। सरकार ने मार्च 2015 में तय किया था कि साल 2022 तक तेल एवं गैस आयात पर निर्भरता घटाकर 67% की जाएगी।
सोमवार की बैठक में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फलीह भी शामिल हो सकते हैं। नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे। इसके बाद क्रूड और महंगा होने के आसार हैं। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
क्रूड के रेट बढ़ने की वजह से देश में पेट्रोल-डीजल के रेट रिकॉर्ड स्तर पर बने हुए हैं। सरकार ने 4 अक्टूबर को एक्साइज ड्यूटी 1.5 रुपए घटाई। तेल कंपनियों ने 1 रुपया कम किया। लेकिन, डीजल की कीमतें फिर से 4 अक्टूबर के स्तरों पर पहुंच गई हैं।
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