Saturday, 31st May 2025

विधानसभा चुनाव 2018 / शाह ने पूछा- मैनिफेस्टो में सवर्णों के लिए क्या है, विक्रम वर्मा नहीं दे पाए कोई जवाब

Mon, Oct 15, 2018 5:59 PM

भोपाल। होशंगाबाद से भोपाल लौटकर देर रात अमित शाह सीधे पार्टी दफ्तर पहुंचे और बैठक की। उनके साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे। शाह ने दृष्टि पत्र समिति के संयोजक विक्रम वर्मा से पूछा कि मैनिफेस्टो मेंं सवर्णों के लिए क्या है? साथ ही वर्तमान जो घटनाक्रम चल रहे हैं, उसके लिए क्या प्रावधान किया है। इस पर वर्मा कोई जवाब नहीं दे पाए। 

 

इस बीच शाह ने चुनाव प्रबंधन की समीक्षा करते हुए प्रदेश के नेताओं से कहा कि हर बूथ पर किसी न किसी नेता या स्कीम का कटआउट होना चाहिए, साथ ही पार्टी के नारे विशेषज्ञों से लिखवाएं। उन्होंने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल चुनाव के समय कार्यकर्ताओं को दिखना भी चाहिए। उन्होंने संगठन को विपक्ष पर एक साथ तीखा प्रहार और राहुल गांधी पर बयानबाजी तेज करें। देरी से चले चुनावी कामकाज पर शाह ने कहा कि दशहरे के बाद 10 दिन के भीतर सारी चीजें दुरुस्त कर ली जाएं। 

 

नेता पुत्रों को झटका: विस चुनाव में टिकट के सपने देख रहे नेताओं और उनके पुत्रों के सपनों पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पानी फेर दिया है। होशंगाबाद में हुए भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के बूथ लेवल कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने दो टूक कहा कि विस चुनाव में टिकट बंटवारे में परिवारवाद नहीं चलेगा। हिदायत देते हुए कहा- भाजपा काम करने वाले कार्यकर्ताओं की पार्टी है। इशारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वयं का उदाहरण दिया। मंच से कहा भाजपा चाय पिलाकर निस्वार्थ सेवा करने वाले नरेंद्र मोदी और पार्टी के लिए पर्दा, पोस्टर लगाने वाले मुझ जैसे छोटे जमीनी कार्यकर्ता की मेहनत समझती है। पार्टी किसी एक नेता की नहीं हर कार्यकर्ता उसका मालिक है। 
 
कांग्रेस के परिवारवाद पर साधा निशाना:  अमित शाह ने कांग्रेस में चले आ रहे गांधी और सिंधिया परिवार के वंशवाद पर निशाना साधा। मंच से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया  गांधी से लेकर राहुल गांधी तक को घेरा। चुटकी लेकर कहा- भाजपा राजा-महाराजाओं और बिजनेसमैन, करोड़पति की पार्टी नहीं है। कांग्रेस के परिवार की आग में मप्र सहित पूरा देश जला है। 15 सालों से भाजपा प्रदेश को संभाल रही है। 
 
बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं में भरा आत्मविश्वास:  अमित शाह ने बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को भाजपा की जान बताते हुए कहा- 1982 में मैं भी बूथ अध्यक्ष था। इससे पहले पार्टी के कार्यक्रमाें में एक छोटे कार्यकर्ता की हैसियत से पोस्टर, पर्दे लगाकर  काम करता था। आज अध्यक्ष हूं तो काम के कारण। 

 

इन नेता की और माना जा रहा इशारा:  कांग्रेस को कोसने वाली भाजपा में भी वंशवाद बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पुत्रों के राजनीतिक ‘राजतिलक’ करने की तैयारी में हैं। इनके अलावा कई स्थानीय नेता इसी जुगत में भोपाल के चक्कर लगा रहे हैं। 
 
 मंच पर दिया सबूत...
पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे और वर्तमान पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा के साथ अध्यक्ष अमित शाह का मंच पर रवैया भाजपा के परिवारवाद को नकारे जाने का सबूत बनी। सुरेंद्र पटवा मंच पर व्यक्तिगत तौर पर अमित शाह से मिलना चाहते थे पर उन्होंने कोई भाव नहीं दिया।

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