भोपाल. सर, हार्ट की प्रॉब्लम है... हमेशा दर्द बना रहता है। डॉक्टर की सलाह पर पिछले दिनों बेड पर था। कुछ दिन पहले पता चला कि विधानसभा चुनाव की पोलिंग पार्टी में ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव के दौरान तबीयत खराब हो सकती है, इसलिए चुनावी ड्यूटी से नाम कटवा दिया जाए।
यह गुहार ग्राम उद्योग हथकरघा संचालनालय में उपसंचालक के पद पर पदस्थ पवन विजयवर्गीय ने एडीएम जेपी सचान से की है। इसी तरह उद्योग संचालनालय में पदस्थ महाप्रबंधक एमके जैन ने आवेदन कर जिला निर्वाचन कार्यालय से ड्यूटी कैंसिल करने की गुहार लगाई है। उन्होंने वजह बताई है कि नौकरी के सिर्फ 5 साल बचे है।
ऐसे एक नहीं करीब 300 से ज्यादा कर्मचारी और अफसरों के विभिन्न प्रकार की बीमारियों के आवेदन सातों विधानसभा के एसडीएम दफ्तरों में पहुंच चुके हैं। हर आवेदन में चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने की मांग की गई है। एडीएम दफ्तरों में पहुंचे आवेदन की जांच के लिए कलेक्टर ने एडीएम जेपी सचान को जिम्मेदारी सौंपी है।
15 हजार का डेटाबेस तैयार : आचार संहिता लगने के बाद कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने जिले की सातों विधानसभाओं में चुनाव कराने के लिए जिले के करीब 15 हजार कर्मचारियों का डेटाबेस तैयार कर लिया है। इन कर्मचारियों की ड्यूटी चुनावी काम में लगाई जाएगी। चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए रोजाना कर्मचारियों को जिला निर्वाचन दफ्तर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
कभी भी हाई हो जाता है बीपी : लघु उद्योग निगम में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ बीएन खरे की ड्यूटी सेक्टर मजिस्ट्रेट के लिए लगाई गई थी। लेकिन, उन्होंने जिला प्रशासन के अफसरों के पास आवेदन कर चुनाव ड्यूटी से नाम हटाने की मांग की है। वजह बताई है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है। इससे तबीयत खराब रहती है, चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है।
कलेक्टर ने निर्देश पर जिन कर्मचारी-अधिकारियों ने बीमारी के नाम पर चुनावी ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन किया है उन्हें मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा गया है। जरूरत पड़ने पर उनकी जांच भी कराई जाएगी। जो लोग खुद के दफ्तर में रह कर काम कर सकते हैं। वो चुनाव में ड्यूटी क्यों नहीं कर सकते हैं। -जेपी सचान, एडीएम, साउथ (मतदान दल गठन के नोडल अधिकारी)
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