बुडुडा. पूर्वी युगांडा में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से चार गांव तबाह हो गए। इससे 41 लोगों की मौत हो गई। राहत दल के कर्मचारियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। फिलहाल मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है।
युगांडा के राहत-आपदा और शरणार्थी मंत्री हिलेरी ओनेक ने बताया कि शुक्रवार देर रात भारी बारिश के बाद सुमी नदी का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ने से घरों में पानी घुस गया। इसके बाद भूस्खलन होने से काफी लोग इसकी चपेट में आ गए। अब तक 41 शव बरामद किए गए हैं। वहीं, तीन लोगों को सकुशल बाहर निकाला गया।
बचाव दल में शामिल नैनियंजा निवासी जॉन मकिम्पी (28) ने बताया कि जलस्तर बढ़ते देखकर सभी लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। अधिकतर लोग पहाड़ी पर चढ़ने लगे, लेकिन भूस्खलन होने से पत्थरों से दब गए। जॉन ने बताया कि पहाड़ से गिर रहे पत्थरों से कुचलकर 4 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 7 शव नदी से बरामद हुए।
ईरीन नैमुतोसी (30) ने बताया कि भूस्खलन के बाद उसका एक पैर कीचड़ में फंस गया था। बचाव दल ने बड़े-बड़े पेड़ों को हटाकर उसे बचाया। उसने बताया कि राहत दल में शामिल कर्मचारियों को एक पुल पर तीन शव मिले, जबकि तीन डेडबॉडी पुल के नीचे नदी में थीं। इनमें से कुछ लोगों के हाथ और पैर नहीं थे, जो पानी और पत्थरों की वजह से उखड़ गए थे।
सरकारी मौसम वैज्ञानिक गॉडफ्रे मुजुनी ने बताया कि सुमी मानफ्वा नदी की सहायक नदी है, जिसका जलस्तर भारी बारिश से बढ़ गया था। उन्होंने बताया कि युगांडा के पहाड़ी क्षेत्र में थोड़ी-सी बारिश होने पर भी भूस्खलन हो जाता है। हालांकि, शुक्रवार को हुए भूस्खलन की चेतावनी पहले से नहीं दी गई थी।
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