रायपुर. राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। यानी नई सरकार के गठन तक निर्वाचन आयोग ही सरकार है। इस दौरान मुख्यमंत्री या मंत्री नई योजनाओं या कार्यों की आधारशिला नहीं रख पाएंगे, न ही फीते काट पाएंगे। हालांकि बाकी काम सुचारू रूप से चलते रहेंगे।
धरातल पर जो काम शुरू हो चुके हैं, निर्माणकर्ता एजेंसी को आयोग को उसकी सूची देनी होगी। साथ ही नए कामों की सूची भी उपलब्ध करानी होगी।
सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक आयोग के कर्मचारी होंगे।
चुनाव कार्य में आयोग किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी लगा सकता है।
आयोग के आदेश का कर्मचारी व अफसर उल्लंघन नहीं कर सकते। हालांकि, अपना पक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
मंत्री व मुख्यमंत्री कुछ अपवाद को छोड़कर शासकीय दौरा नहीं कर सकेंगे।
विवेकाधीन निधि से अनुदान मंजूर करने पर भी रोक लग गई है।
कहीं भी, किसी भी नवीन योजना या परियोजना की आधारशिला नहीं रखी जा सकेगी।
सरकारी या सार्वजनिक उपक्रमों में किसी भी तरह की नियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
मंत्री दौरे के दौरान अपने निजी आवास पर ठहरते हैं तो अफसर को वहां नहीं बुला सकेंगे।
सड़क निर्माण और पीने के पानी की सुविधा नहीं दे सकेंगे।
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