भोपाल। भाजपा में टिकट को लेकर चल रही माथापच्ची ने पार्टी के आला नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल मुख्यमंत्री स्तर से हुए सर्वे की रिपोर्ट लगभग फाइनल हो चुकी है वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के फीडबैक का काम भी पूरा हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों ही रिपोर्टों में 60 से 70 विधायकों के लिए जमीनी हालात गंभीर बताए गए हैं। इनमें कुसुम मेहदेले, माया सिंह, हर्ष सिंह और डॉ. गौरीशंकर शेजवार समेत आठ मंत्रियों के भी नाम शामिल हैं। इन्हें चुनाव में टिकट देना है या नहीं, इसका फैसला अमित शाह के 14-15 अक्टूबर को प्रस्तावित भोपाल-जबलपुर संभाग के दौरे के बाद होगा।
दो बार में जारी होगी सूची: यह भी बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा दो चरणों में ही टिकट की सूची जारी करेगी। वह भी संभवत: 31 अक्टूबर के आसपास होगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे एक भी प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा जाए, जो प्रतिद्वंद्वी से कमजोर और उसे जिताने के लिए पार्टी को अतिरिक्त ताकत लगानी पड़े। साथ ही किसी की सिफारिश या लिहाज में भी टिकट नहीं दिए जाएं। परिवारवाद के तहत बेटे-बेटी, पति-पत्नी, रिश्तेदार या अन्य किसी को टिकट देने से भी पार्टी बचने की कोशिश करेगी।
रायशुमारी के लिए जाएंगे दो-दो नेता : भाजपा अंतिम फीडबैक के लिए 20 अक्टूबर से पहले हर जिले में दो-दो वरिष्ठ नेताओं, प्रदेश पदाधिकारी व सांसदों को भेजेगी। इसमें अपना नाम छोड़कर दूसरों के नाम सादी पर्ची पर मांगे जाएंगे।
अंतर सिंह आर्य : पशुपालन मंत्री हैं पर सरकार में परफॉर्मेंस अपेक्षा के अनुरूप नहीं। 2003 से विधायक हैं।
गौरीशंकर शेजवार : वन मंत्री, 68 वर्ष की आयु, इसलिए उम्र के क्राइटेरिया में। बेटे मुदित के लिए मांग रहे टिकट।
बालकृष्ण पाटीदार : फरवरी 2017 में राज्यमंत्री बने। पाटीदारों के विरोध और किसान आंदोलन के कारण स्थिति ठीक नहीं।
कुसुम मेहदेले : 75 की उम्र में भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री हैं। 70 पार के क्राइटेरिया में बाहर होना तय है।
हर्ष सिंह : राज्यमंत्री हैं। सरकार में उनका कार्यकाल काफी समय बीमारी के चलते प्रभावित हुआ।
सुरेंद्र पटवा : राज्यमंत्री होने के बाद भी विवादाें में हैं। क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर विरोध ज्यादा। निर्णय केंद्रीय स्तर तक जा सकता है।
माया सिंह : नगरीय विकास मंत्री हैं पर ग्वालियर पूर्व सीट विराेध। पिछला चुनाव बहुत कम वोट से जीतीं।
सूर्य प्रकाश मीणा : राज्यमंत्री के लिए स्थानीय स्तर पर स्थितियां बिगड़ी हुई हैं। वे विवादों में भी रहे।
10 मंत्री हारे थे : 2013 में कद्दावर मंत्री अजय विश्नोई, लक्ष्मीकांत शर्मा, करण सिंह वर्मा, कन्हैयालाल समेत 10 मंत्री हारे थे।
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