रायपुर। आचार संहिता लगते ही कांग्रेस के प्रदेश और जिला कार्यालयों का माहौल बदल गया है। पार्टी कार्यालयों में नेताओं और कार्यकर्ताओं का अकाल सा पड़ गया है। इसका कारण यह है कि पार्टी के नेताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे का इंतजार नहीं है, वे खुद ही चुनावी दौरे पर निकल पड़े हैं। नेताओं को पता है कि अभी किसी की टिकट फाइनल नहीं हुई है, लेकिन जब टिकट फाइनल होगी, तब प्रचार के लिए उनके पास समय नहीं रहेगा, इसलिए अभी से सभी दावेदारों ने पसीना बहाना शुरू कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन में पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अटल विकास यात्रा कर सभा की। इसके बाद बघेल के विधानसभा क्षेत्र में ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आए थे।
भाजपा पाटन में सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रही है, इसलिए बघेल ने भी अपने क्षेत्र में दौरा शुरू कर दिया है। नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने ज्यादातर समय सरगुजा संभाग और अपनी सीट अंबिकापुर को ही दिया है। हालांकि, अभी वे चुनावी घोषणापत्र के लिए दूसरे जिलों का भी बीच-बीच में दौरा कर रहे हैं।
ऐसे ही वरिष्ठ नेताओं में रविंद्र चौबे ने साजा, धनेंद्र साहू ने अभनपुर, मोहम्मद अकबर ने कवर्धा, सत्यनारायण शर्मा ने रायपुर ग्रामीण, डॉ. चरणदास महंत जांजगीर-चांपा जिला में लगातार दौरा कर रहे हैं। बाकी सीटों में पार्टी के सिटिंग एमएलए और दूसरे दावेदारों ने भी जनसंपर्क तेज कर दिया है। नेताओं के मैदान पर उतरने से पार्टी कार्यालयों में सन्नाटा पसर चुका है।
बदली व्यवस्था से कार्यालय से छंटी भीड़
कांग्रेस में प्रत्याशी चयन का फॉर्मूला बदल दिया है। पार्टी कार्यालयों से भीड़ छंटने का यह भी एक कारण है। अब प्रत्याशियों का नाम दिल्ली से तय होना है।
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