इंदौर. 28 साल के सिरफिरे युवक की अजीब हरकतों से विजय नगर क्षेत्र की भाग्यश्री कॉलोनी की महिलाएं और यहां के 50 होस्टलों की 500 छात्राएं सालभर से परेशान थीं। वह कभी रात में गर्ल्स होस्टलों में घुसकर खुद के कपड़े उतार देता तो कभी बाउंड्रीवॉल कूदकर मकानों में घुसता और बेडरूम की खिड़कियां खोलकर ताक-झांक करता, अश्लील इशारे करता। विजय नगर थाने में कई बार शिकायत की, लेकिन पुलिस ने नहीं सुना। इसके बाद कॉलोनी में रहने वाले जज और इलेक्ट्रिक इंजीनियर ने कुछ युवाओं से मोबाइल नंबर साझा किए और कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे लगाकर हफ्तेभर युवक की रैकी की। उसे बुधवार को रंगेहाथ पकड़ लिया और पुलिस को सौंपा, लेकिन पुलिस ने सिर्फ सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया।
भाग्यश्री कॉलोनी के रहवासियों के अनुसार कुछ दिन पहले युवक एक होस्टल में घुसा और कमरे का दरवाजा खोलकर कमरे तक पहुंच गया। उसने खुद के कपड़े उतार दिए। खटपट की आवाज सुनकर अंदर सो रही दो छात्राएं जागी तो युवक को देख चीखने लगी। लोग पहुंचे तब तक वह भाग गया। परेशान होकर रहवासियों ने एक बैठक की। इसमें जज पीसी गुप्ता और इलेक्ट्रिक इंजीनियर राजेंद्र शुक्ला ने पहले जनभागीदारी से कैमरे लगवाए। युवक पर रोज नजर रखने के लिए रहवासियों ने रात में जागे।
इंजीनियर शुक्ला ने बुधवार सुबह साढ़े चार बजे अपने यहां लगे सीसीटीवी कैमरे में युवक की हरकतें देखी तो उन्होंने तत्काल पास में रहने वाले जनरल स्टोर के मालिक वीरेंद्र को फोन लगाकर युवक की सूचना दी और अन्य लोगों को फोन के माध्यम से अलर्ट कर उसकी घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। पहले तो उसकी जमकर पिटाई की। बाद में 100 नंबर से पुलिस सूचना दी। पुलिस उसे थाने ले गई तो उसने खुद का नाम धीरज पिता लक्ष्मी लाल त्रिपाठी (28) बताया। वह मूल रूप से इलाहबाद का रहने वाला है। यहां सुमन नगर में रहकर होटल में काम करता है। पुलिस ने उसके खिलाफ सिर्फ धारा 151 की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की।
आरोपी युवक पर मामूली धारा में कार्रवाई से रहवासियों में पुलिस के लिए गुस्सा है। हॉस्टल में रहने वाली छात्रा तनु, राजेश्वरी, निधि, अनुराधा, पिंकी, राशि ने बताया कि वे युवक से एक साल से परेशान थे। इंजीनियर शुक्ला और उनकी पत्नी मीरा का कहना है कि रहवासियों की मदद से युवक को पकड़कर पुलिस को सौंपा, पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करने के बजाय सामान्य कार्रवाई की।
लोगों ने आरोपी को पकड़कर सौंपा था, शिकायत नहीं की।
रहवासियों ने आरोपी धीरज त्रिपाठी को सिर्फ पकड़कर पुलिस को सौंपा था। किसी रहवासी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई, इसलिए पुलिस ने धारा 151 की कार्रवाई की। यदि कोई रिपोर्ट दर्ज कराता तो हम उसी के आधार पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर कार्रवाई करते। -सुधीर अरजरिया, टीआई विजय नगर
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