इंदौर. नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के एक आरोपी और मसजिद के सदर की जमानत अर्जी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने चौथी बार खारिज कर दी। आरोपी ने जमानत के लिए मां की दिल की बीमारी का सहारा लिया था, लेकिन पुलिस ने बताया गया कि आरोपी जो ईसीजी रिपोर्ट जमानत के लिए पेश कर रहा है, वह 13 साल पुरानी है।
पीड़िता के वकील राहुल सोलंकी ने कोर्ट से कहा कि आरोपी की मां को दिल की ऐसी कोई बीमारी नहीं है, जिसका तत्काल ऑपरेशन कराने की जरूरत है। फिर भी ऑपरेशन करवाना ही है तो उसके परिवार में पांच सदस्य हैं, जो उसकी मां की देखरेख कर सकते हैं।
इस मामले में धार जिले की उमरबन तहसील का आशिक पठान और उसका ड्राइवर राजू आरोपी हैं। आशिक ने कोर्ट में दलील रखी कि उसकी मां के दिल का तुरंत ऑपरेशन करवाना जरूरी है।
आरोप है कि 11 अगस्त 2017 को पठान और राजू 15 साल की लड़की को बहला-फुसलाकर उमरबन से इंदौर लेकर आए और कार में उसके साथ ज्यातदी की थी।
आरोपियों पर दुष्कर्म की धाराओं के साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। मामला स्पेशल जज धार की अदालत में विचाराधीन है।
अभियोजन पक्ष के सभी गवाहों के बयान हो चुके हैं। सिर्फ जांच अधिकारी के बयान बाकी है। जुर्म साबित हुआ तो दोषियों को 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
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