जेल के भीतर जल रहा है शिक्षा का अलख विचाराधीन बंदियों को मिल रहा है लाभ
Tue, Oct 2, 2018 6:51 PM
रायगढ़. अपराध करने के बाद जेल के भीतर जाकर उसकी सजा काटना और जेल की चार दीवारी के बीच अलग-अलग तरह की प्रताडऩा झेलना आम बात है, लेकिन जेल के भीतर पहुंचने वाले अपराधी अगर शिक्षित होकर निकलते हैं तो यह अपने आप में आश्चर्य के साथ-साथ बडी बात होती है। रायगढ़ जिला जेल चार दीवारी के भीतर उन लोगों के लिए पाठशाला बन चुका है जहां समिति समय के लिए अलग- अलग अपराध में शामिल महिला व पुरूष अपराधी आते तो जरूर हैं पर शिक्षित होकर एक नया आयाम स्थापित करते हैं।
जेल का नाम सुनते ही जहां सामाजिक जीवन में जीने वाले लोग सिहर जाते हैं वहीं जिला जेल के भीतर आने वाले वो विचाराधीन बंदी शिक्षा का पाठ पढ़ते है और जेल के भीतर शिक्षा का दीप जलाकर अपनी रूकी हुई पढ़ाई को पूरा करते हैं। इस वक्त जिला जेल के भीतर कक्षा पहली से लेकर बीए और एमए तक की पढाई होती है और इंदिरा गांधी मुक्त विश्व विद्यालय के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने वाले विचाराधीन बंदी शिक्षक के माध्यम से अपनी पढाई को और आगे तक पढ़ रहे हैं। शिक्षक की हमनाथ कुमार की मानें तो अगस्त 2017 में 72 बंदी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल हुए थे और मार्च 2018 तक 70 पुरूष एवं 17 महिला विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होकर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल कर चुके हैं। उनका कहना है कि जिला जेल के भीतर यह प्रयास रहता है कि निरकक्षर विचाराधीन बंदी से लेकर शिक्षित बंदी को अलग-अलग तरह की पढाई इग्नु के माध्यम से कराई जाती है।
जिला जेल के भीतर आने वाले युवा व महिला बंदियों के लिए उनके अपराध की सजा के साथ-साथ पढाई की व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसके लिए शुरू से ही जेल अधीक्षक ने अलग से पाठशाला जेल के भीतर ही खोलकर रखी है जिसमें विचाराधीन बंदियों को पढाने के लिए शिक्षक की व्यवस्था करके उनके पढाई संबंधी कार्य को आगे बढ़ाने का अलख जगाते आ रहे हैं। जेल अधीक्षक की मानें तो जेल के भीतर आने वाले छोटे से बडे अपराध में शामिल लोगों को शिक्षिक करके बाहर भेजना उनका एक दायित्व बनता है और इसी जेल से निकलने वाले कई ऐसे विचाराधीन बंदी है जो आज यहां पढऩे के बाद रोजगार हासिल कर चुके हैं। इतना ही नही कुछ विचाराधीन बंदी प्रमाण पत्र लेने भी यहां आते हैं। बहरहाल जेल के भीतर शिक्षा का पाठ पढऩे के बाद आने वाले अपराधी व विचाराधीन बंदी अपनी नई राह बनाने के लिए प्रयासरत हैं और जेल एक माध्यम बन चुका है जिसके भीतर अपराध के साथ-साथ बाहर निकलकर अच्छे इंसान बनने के लिए एक पहचान बन चुका है।
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