जामपाली कोल माइंस में लेनदेन के मामले में अधिकारियों की चुप्पी सीबीआई के छापे के बाद कोल माइंस है चर्चा में
Tue, Oct 2, 2018 6:49 PM
रायगढ़. घरघोड़ा ब्लाक के कुडमकेला के पास स्थित एसईसीएल की जामपाली कोल माइंस इन दिनों एक बार फिर से चर्चा में है पहले कभी इस कोल माइंस के भीतर कोयले के अवैध कारोबार की शिकायत पर सीबीआई ने छापामार कार्रवाई करते हुए करोड़ो रूपए के घोटाले को उजागर किया था और अब इसी कोल माइंस के भीतर लिंकेज कोयले के परिवहन के नाम पर कमीशनखोरी की गंगा लगातार बह रही है। जिसे रोकने वाला कोई नही है। कारण उपर से नीचे तक कमीशन लेनदेन में लिप्त अधिकारी इस मोटी कमाई को छोडऩा नही चाहते इसलिए लगातार लिंकेज कोयले में गे्रड का खेल हो रहा है। इतना ही नही कमीशन नही देने पर मिट्टी युक्त कोयला उठाव का दबाव संबंधित एरिया मैनेजर ट्रांसपोर्टर पर बनाते है। इस पूरे मामले में एसईसीएल के बडे अधिकारी अभी तक कुछ भी जानकारी देने से कतराते आ रहें है इतना ही नही बीते चार दिनों से वरिष्ठ महाप्रबंधक कार्यालय नही आ रहे हैं और उनके अधिनस्थ अधिकारी इस मामले में यह कहकर पल्ला झाड रहे हैं कि मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जाएगा और वे बयान देने के लिए अधिकृत नही हैं।
जिला मुख्यालय स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के महाप्रबंधक बीएन झा से आज हमने मुलाकात करके जामपाली में हो रहे हस्तांक्षर से लेकर ट्रांसपोर्टिंग के कमीशन की जानकारी देते हुए उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी वे कुछ भी कहने से परहेज करेंगे , चूंकि जामपाली में कोयले के स्टाक के साथ-साथ कोयले के परिवहन पर अलग-अलग दिशा निर्देश दिए गए हैं। सीधे तौर पर उन्होंने जामपाली एरिया मैनेजर को बचाने की भी कोशिश की। उनकी बात से जामपाली में होनें वाले कमीशन के खेल की पुष्टि भी इसलिए हो जाती है कि लिंकेज के कोयले में उठाव करने वाले ठेकेदार खुद जामपाली एरिया मैनेजर को कमीशन देकर उसकी रिकाडिंग भी कर चुके हैं। बीते कई महीनों से रोजाना हजारो टन कोयले के उठाव पर दिए जाने वाले कमीशन का अगर आंकलन किया जाए तो यह राशि लाखों में होती है और साल में यह राशि करोड़ो में भी पहुंच रही है। सीबीआई के छापे के बाद चर्चा में आई जामपाली माइंस के भीतर कोयले का अपार भंडार है और आने वाले समय में गे्रड के इस खेल में कमीशनखोरी कम होनें की बजाए बढऩे का इसलिए अंदेशा है चूंकि एसईसीएल की सबसे ज्यादा कमाई देने वाले यह कोल माइंस पूरे छत्तीसगढ़ में बेहतरीन गे्रड का कोयला निकालने के लिए चर्चित है और उद्योगों को अपने उत्पादन में तेजी लाने के साथ-साथ अच्छे कोयले की भी मांग होनें का फायदा संबंधित एरिया मैनेजर लगातार उठा रहा है।
अधिकारिक सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों कमीशन नही देने के चलते दो उद्योगों में लिंकेज का कोयला इतना घटिया उठाव करके भेजा गया था और संबंधित उद्योगों ने ट्रांसपोर्टरों पर इसका ठिकरा फोड़ते हुए वसूली की भी चेतावनी दी है। लिंकेज के कोयले में हस्ताक्षर तथा उठाव के नाम पर कमीशन का हिस्सा बड़े अधिकारियों के पास पहुंचने से इस पूरे मामले में लीपापोती का दौर जारी है। देखना यह है कि संभाव में बैठे एसईसीएल के बडे अधिकारी इसकी जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या नही। अगर कमीशन लेने वाले एरिया मैनेजर को इसी तरह खुली छूड दी जाती रही तो आने वाले समय में स्थिति इसी लेन देन के चलते विस्फोटक हो जाएगी चूंकि ट्रांसपोर्टरों को यह घाटा नागवार गुजर रहा है और वे इसका विरोध करते हुए कोयले के उठाव पर रोक भी लगा सकते हैं।
Comment Now