इंदौर: देवी अहिल्याबाई एयरपोर्ट। सोमवार रात 10.25 बजे। जेट एयरवेज की मुंबई-इंदौर फ्लाइट (9डब्ल्यू383) अपने निर्धारित समय पर लैंडिंग होने ही वाली थी कि एकदम लाइट जाने पर 5 से 7 सेकंड के लिए रनवे सहित पूरा एयरपोर्ट ब्लैकआउट हो गया। फ्लाइट उस वक्त मुश्किल 100 फीट की ऊंचाई पर थी। जब पायलट को नीचे घुप अंधेरा दिखा और कोई सिग्नल नहीं मिला तो उसने तत्काल सूझबूझ दिखाकर फ्लाइट की दिशा बदली और ऊपर ले गया।
विमान के यात्री अखिलेश राठी के मुताबिक जब अचानक विमान वापस उड़ा तो यात्री घबरा गए। कुछ देर बाद पता चला कि एयरपोर्ट पर लाइट चली गई। विमानतल से मिली जानकारी के मुताबिक रात 10.25 बजे पूरे एयरपोर्ट क्षेत्र की लाइट चली गई। इससे 5 से 7 सेकंड के लिए रनवे भी अंधेरे में डूब गया।
इसके दोनों तरफ की लाइट, जो एक तरह से सिग्नल का काम करती है वह भी बंद हो गई, इससे लैंडिंग के वक्त पायलट को कोई संकेत नहीं मिल रहे थे। यदि पायलट सूझबूझ नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। घटना को लेकर जब एयपोर्ट डायरेक्टर से बात करना चाही, लेकिन उनका मोबाइल नंबर बंद था।
वहीं एयरपोर्ट टर्मिनल मैनेजर ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं। उधर जेट एयरवेज के स्टेशन मैनेजर वरुण सूरी से भी उनके मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन बात नहीं हो पाई।एयरपोर्ट पर रनवे लाइट्स को टाइमर के साथ सेट किया जाता है।
यह एप्रोच लाइट सिस्टम होता है। तय समय पूरा होते ही लाइट का पूरा सिस्टम रीस्टोर होता है। जितना समय सिस्टम रीस्टोर होने में लेता है, उतने समय के लिए रनवे लाइट्स चालू करने के लिए बैकअप का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे ही एक मामले में नवंबर 2007 में मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर रनवे लाइट के तय 1921 घंटे पूरे होते ही लाइट्स ऑफ हो गई थीं। तब वहां बैकअप सिस्टम भी फेल हो गया था, जिससे आधे घंटे तक रनवे लाइट बंद रही थीं।
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