नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 48वीं बार देशवासियों से मन की बात की। सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने पर मोदी ने सेना को सराहा। उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों ने सैनिकों के पराक्रम का पर्व मनाया। अब तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे जो देश में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने की कोशिश करेंगे।
प्रधानमंत्री ने नौसेना के अफसर अभिलाष टॉमी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अभिलाष समंदर में जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे थे। मैंने उनसे बात की, वे एक साहसी अफसर हैं। उनके जज्बे से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। अभिलाष पिछले दिनों प्रशांत महासागर में तूफान में फंस गए थे।
मोदी ने कहा, ''सवा सौ करोड़ देशवासियों ने 29-30 सितंबर को पराक्रम पर्व मनाया। सर्जिकल स्ट्राइक कर सैनिकों ने ताकत दिखाई थी। यह पर्व युवाओं को सेना का गौरवपूर्ण इतिहास दिखाता है। हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन राष्ट्र की संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए इससे समझौता नहीं कर सकते हैं।''
''20वीं सदी के दो विश्व युद्ध में हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने शांति के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। आज भी यूएन की अलग-अलग पीस कीपिंग फोर्स में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में एक है।''
''हमारी वायुसेना ने हर देशवासी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान लोगों को जिस भाग का सबसे इंतजार रहता है, वो है एयरफोर्स का प्रदर्शन। हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे ताकतवर एयरफोर्स में शामिल हो चुकी है।''
''1947 में श्रीनगर को पाकिस्तानी हमलावरों से बचाने के लिए वायुसेना ने भारतीय सैनिक और उपकरणों को युद्ध के मैदान तक पहुंचाया। 1965 में भी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई कौन नहीं जानता। करगिल से घुसपैठियों को खदेड़ने में भी वायुसेना की भूमिका अहम थी।''
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