Saturday, 24th May 2025

घातक ड्रग / इंदौर से पकड़ा गया 10.09 किलो फेंटानिल ड्रग, इतना घातक कि सिर्फ 0.002 ग्राम लेने पर हो सकती है मौत

Mon, Oct 1, 2018 4:15 PM

देश में पहली बार पकड़ाए इस ड्रग का परिवहन मुश्किल, जांच के लिए डीआरडीओ का दल आया इंदौर 

 

इंदौर.  डायरेक्टोरेट ऑफ रिवेन्यू इंंटेलीजेंस (डीआरआई) इंदौर द्वारा 26 सितंबर को पोलोग्राउंड की लैब से पकड़ा गया 10.09 किलो ग्राम फेंटानिल हाइड्रोक्लोराइड ड्रग इतना घातक है कि यह 50 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले सकता है। यह ड्रग नशे के लिए 0.001 ग्राम लिया जाता है, ओवरडोज होते ही सामने वाले की मौत हो सकती है। यानी इस ड्रग की 0.002 ग्राम मात्रा जान ले सकती है।

 

देश में पहली बार इसकी जब्ती हुई है। इसकी घातकता को देखते हुए डीआरआई ने रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करने वाले डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आॅर्गनाइजेशन) को भी कार्रवाई में शामिल किया है, क्योंकि किसी भी संस्थान के पास इसका सैंपल लेने और इसकी जांच करने के संसाधन ही नहीं हैं। यह इतना घातक है कि इसे बाहर भी नहीं भेजा जा सका है। यह इंदौर में डीआरडीओ की निगरानी में रखा है। 

 

डीआरडीओ ने इस ड्रग के फेंटानिल होने की पुष्टि उच्च स्तर पर कर दी है। इसके बाद दिल्ली से लेकर इंदौर तक सभी एजेंसी अलर्ट पर हैं। हालांकि इसके ड्रग के अलावा किसी अन्य उपयोग होने की आशंका नहीं है। पकड़े गए ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 110 करोड़ रुपए है। डीआरआई की इस पूरी कार्रवाई को देश में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

 

आरोपियों ने माना रुपए के लिए कर रहे थे काम : डीआरआई ने इस जांच में मैक्सिको के जाॅर्ज सालिस के साथ  ही केमिकल पर रिसर्च करने वाले डॉ. मोहम्मद सादिक और मनु गुप्ता को पकड़ा है। ये 5 अक्टूबर तक डीआरआई की रिमांड पर हैं। प्रारंभिक जांच में आरोपियों ने माना है कि रुपए कमाने के लिए यह काम पांच-छह माह से कर रहे थे।

 

हालांकि अभी तक इसकी ज्यादा बिक्री की जानकारी नहीं आई है, क्योंकि आरोपियों ने कुछ समय पहले ही इसका सही फाॅर्मूला बनाकर बनाने में सफलता पाई थी। वहीं सोशल मीडिया में यह मैसेज वायरल हो रहे हैं कि सादिक अमेरिका से नफरत करता है, इसलिए वह इस ड्रग का ओवरडोज बनाकर अमेरिकियों को मारना चाहता था।

 

अमेरिका में एक साल में मर गए थे 29 हजार लोग : यह ड्रग इतना घातक है कि अमेरिका में 2016 में इसके ओवरडोज से 20 हजार और 2017 में 29 हजार लोग मर गए थे। यह मार्फिन से 100 गुना और अन्य किसी सामान्य ड्रग से 10 हजार गुना अधिक प्रभावी है। इसका उपयोग कैंसर या मौत के कगार पर पहुंच चुके मरीजों का दर्द कम करने के लिए किया जाता है। व्यावसायिक तौर पर (बेचने के लिए) किसी को लाइसेंस भी मिलता है तो वह केवल एक समय 0.1 ग्राम ही रख सकता है।

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