नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता अधिवेशन में शनिवार को भारत स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां गिनाएगा। जनसहभागिता के बूते चार वर्षों के भीतर स्वच्छता कवरेज को 92 फीसद तक पहुंचाने वाले भारत ने विश्व स्तर पर अपनी उल्लेखनीय छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता अधिवेशन में विश्व के 68 देशों के कुल 161 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
शनिवार 29 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलने वाले इस अधिवेशन में 54 देशों के स्वच्छता व पेयजल मंत्री हिस्सा लेने पहुंच गए हैं। अधिवेशन का उद्घाटन शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इस आयोजन में आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन र्यूड भी हिस्सा लेंगे।
चार दिवसीय इस आयोजन में पहुंचे अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को गुजरात में अहमदाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की प्रगति का मुआयना कराया जाएगा। शनिवार को प्रवासी भारतीय केंद्र में उद्घाटन समारोह के साथ कुल पांच सत्रों का आयोजन किया गया है। इस दौरान विभिन्न राज्यों में स्वच्छता की उल्लेखनीय प्रगति का विवरण दिया जाएगा।
दिनभर के व्यस्त आयोजन में शाम के आखिरी सत्र में शहरी स्वच्छता विषय पर चर्चा होगी। इसमे शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के साथ मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के निदेशक और सेनेगल के स्वच्छता मंत्री समेत महाराष्ट्र के प्रिंसिपल सचिव हिस्सा लेंगे।
दो अक्टूबर को समापन सत्र में समापन भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उस दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, स्वच्छता व पेयजल मंत्री उमा भारती और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी प्रमुख रूप से उपस्थित होंगे। इसके पूर्व के एक सत्र को उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू संबोधित करेंगे। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे, जो अपने प्रदेश में स्वच्छता प्रदर्शन का विवरण प्रस्तुत करेंगे।
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