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कनाडा / 96वां चुनाव लड़ेंगे 67 साल के टर्मेल, 39 साल में एक बार भी नहीं मिली जीत

Thu, Sep 27, 2018 6:39 PM

  • जुए को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए जॉन टर्मेल ने पहली बार 1979 में लड़ा चुनाव
  • इसके बाद खुद को बार-बार गिरफ्तारी से बचाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे
  • टर्मेल कहते हैं- जिस मुद्दे पर मौका मिल जाए, उस पर चुनाव लड़ना चाहता हूं

 

टोरंटो. कनाडा के ब्रैंटफोर्ड शहर के रहने वाले जॉन टर्मेल (67) अब तक 95 चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, 39 साल के करियर में वे एक भी चुनाव नहीं जीत पाए। टर्मेल का कहना है कि जब तक जनता के सामने मुद्दे रहेंगे और उन्हें मौका मिलता रहेगा, तब तक वे चुनाव लड़ते रहेंगे।

इस बार मेयर पद पर लड़ रहे चुनाव

  1.  

    टर्मेल कहते हैं कि चुनाव हार या जीत के लिए नहीं होते, बल्कि हर बार जनता को नए विचार और योजनाएं देने के लिए होते हैं। वे इस साल फिर मेयर पद के लिए खड़े हो रहे हैं।

     

  2.  

    टर्मेल ने पहली बार 1979 में चुनाव लड़ा था। तब उनका मकसद सिर्फ जुए को कानूनी मान्यता दिलाना था। दरअसल, पुलिस हर बार उनके जुए के गोपनीय ठिकानों को बंद करा देती थी और उन्हें गिरफ्तार कर लेती थी। इस मुद्दे पर जीत उनसे कोसों दूर रही।

     

  3.  

    पिछले 39 साल में टर्मेल ने सिटी काउंसलर से लेकर सांसद पद तक का चुनाव लड़ा। कई बार उन्हें नामी पार्टियों की तरफ से टिकट भी मिले, लेकिन जीत नहीं हासिल हुई। हालांकि, वोटों के मामले में उन्हें हर बार बढ़त जरूर मिली। वे अब तक 11 से लेकर 4500 वोट तक हासिल कर चुके हैं।

     

  4.  

    पिछले कुछ साल में टर्मेल की लोकप्रियता भी बढ़ी है। वे शहर में होने वाले लगभग हर वाद-विवाद में हिस्सा लेते हैं। यहां तक कि जहां से उन्हें न्योता नहीं मिलता, वहां भी चले जाते हैं। कई बार पुलिस उन्हें जबरन बाहर निकालती है।

     

  5.  

    टर्मेल का कहना है कि वे पहले की तरह हर घर का दरवाजा नहीं खटखटाते, बल्कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं। एक महीने पहले ओंटारियो राज्य के एक अखबार ने उन्हें सुपर लूजर कहा। वहीं, दूसरे आर्टिकल में लोगों को उनकी अटपटी योजनाओं के बारे में बताया।

     

  6.  

    टर्मेल अपने चुनाव प्रचार के खर्च के लिए पोकर (ताश का खेल) खेलकर पैसा जुटाते हैं। उनका कहना है कि देश में पोकर का सबसे बड़ा अड्डा उनके घर से सिर्फ तीन ब्लॉक दूर है। वे यहीं आकर अपने सारे कामों के लिए पैसे जुटाते हैं।

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