भोपाल. जंबूरी मैदान में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन की व्यवस्थाओं का असर पूरे शहर पर पड़ा। खास तौर से सफाई और पानी सप्लाई व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। आमतौर पर आदमपुर छावनी तक रोजाना 850 टन कचरा पहुंचता है, लेकिन मंगलवार को करीब 500 टन कचरा ही यहां पहुंचा। भेल और होशंगाबाद रोड पर मंगलवार को पानी भी कम दबाव से आया।
नगर निगम के 6500 कामगारों में से करीब ढाई हजार की ड्यूटी इस कार्यक्रम में लगी थी। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले सभी 1800 रैग पिकर्स को भी शाम के समय यहां बुलाया गया था। लेकिन शाम की इस ड्यूटी के बहाने ज्यादातर रैग पिकर्स ने मंगलवार को घरों से कचरा ही नहीं उठाया। बावड़िया कला, गुलमोहर कॉलोनी, शाहपुरा, अरेरा कॉलोनी, रायसेन रोड, होशंगाबाद रोड, पूरा भेल क्षेत्र, अशोका गार्डन और आसपास के क्षेत्रों के साथ कोटरा, नेहरू नगर, और कोलार की भी कई कॉलोनियों में डोर- टू- डोर कलेक्शन नहीं हुआ।
शहर की सफाई व्यवस्था चार दिन से बेपटरी है। रविवार को अनंत चतुर्दशी होने से सफाई का अमला शनिवार और रविवार को विसर्जन की व्यवस्थाओं में व्यस्त था। सोमवार से इसी अमले ने जंबूरी मैदान में कमान संभाल ली थी। जम्बूरी मैदान लगाई गईं अतिरिक्त टंकियों को भरने के लिए पानी की व्यवस्था करने के कारण मंगलवार को भेल क्षेत्र और होशंगाबाद रोड की कालोनियों में कम दबाव से पानी आया।
कार्यक्रम समापन के बाद जंबूरी मैदान में नगर निगम ने साढ़े 11 टन कचरा इकट्ठा किया। राज्यस्तरीय सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कमेटी के सलाहकार सदस्य इम्तियाज अली ने बताया कि करीब साढ़े छह टन कचरा फूड आइटम है। इसमें बचे हुए भोजन के साथ जूठन शामिल है। यह पूरा वेस्ट यादगारे शाहजहांनी पार्क स्थित प्लांट में ले जाया गया है। अब इससे वहां कंपोस्ट और मीथेन गैस बनाई जाएगी। हालांकि कार्यक्रम स्थल पर देर रात तक जूठन और गंदगी फैली रही।
1. सिग्नल बंद किए, डीएसपी ने संभाला मोर्चा
चेतक ब्रिज तिराहा(गोविंदपुरा टर्निंग पर), ज्योति टॉकीज और बोर्ड चौराहा के सिग्नल बंद किए। यहां एक डीएसपी के नेतृत्व में 15-15 लोगों की टीम लगाई। डीएसपी को ही ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए निर्णय लेने का अधिकार दिया।
2. कुछ रास्तों को एक साइड से किया बंद
पुलिस ने जाम से बचने के लिए इस बार बोर्ड ऑफिस से लेकर ज्योति टॉकीज, चेतक ब्रिज, भेल मैदान से जंबूरी मैदान तक एक ओर का रास्ता चार पहिया वाहनों के लिए बंद कर दिया था। इस रास्ते का उपयोग वीआईपी को निकालने के लिए ही किया गया।
3. शहर को जानने वाले डीएसपी को सौंपी व्यवस्था
आयोजन में भीड़ को देखते हुए भोपाल में पदस्थ रह चुके कुछ ट्रैफिक डीएसपी को बुलाया गया। उन्हें ही मुख्य मार्ग पर तैनात किया गया। क्योंकि यह अफसर शहर के ट्रैफिक की नब्ज को जानते थे। इनके अनुभव का लाभ भी प्लानिंग में मददगार साबित हुआ।
4. 10 जगह छोटी-छोटी पार्किंग भी बनाई
मुख्य 7 पार्किंग के अलावा 10 जगह छोटी पार्किंग बनाई गई। इसके लिए जंबूरी मैदान से लेकर साकेत नगर तक की खाली पड़ी जगह का उपयोग किया । वाहनों को पुलिसकर्मियों की निगरानी में पार्क कराया। फिर उसी रास्ते से उन्हें वापस कराया गया।
5. आईटीएमएस से रखी चौराहों पर निगरानी
इस बार पुलिस ने आईटीएमएस के पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया। सुबह से ही लोगों को ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों और ट्रैफिक नियम पालन करने की हिदायत दी गई। चौराहों पर यह भी नजर रखी गई कि कहीं जाम के हालात तो नहीं बन रहे।
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