भोपाल. कार्यकर्ता महाकुंभ के बाद भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष-महामंत्री और निगम-मंडल अध्यक्षों की मंगलवार को बैठक बुलाई। इसमें रामलाल ने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले सांसद और जिलाध्यक्ष एक विधानसभा में ध्यान लगा रहे हैं, जिससे पूरे संसदीय क्षेत्र अथवा जिले में नुकसान हो रहा है।
यह ठीक नहीं है। एक सप्ताह में वे अपनी स्थिति क्लियर कर दें। बाद में हमे कठोर निर्णय लेने होंगे। हर समय जिलाध्यक्ष अथवा सांसद द्वारा विधायक की निगेटिव छवि बनाने की कोशिश न की जाए। कई जगह से शिकायतें मिल रही हैं। विधायकों से समन्वय रखें। अनावश्यक सोशल मीडिया पर कुछ भी न लिखें।
रामलाल ने यह भी कहा कि जिस एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर जो बवाल हो रहा है, वह आधारहीन है। एक्ट में ऐसा कुछ नहीं है। इसलिए जनता में जाने से पहले उसे पूरा पढ़ें। यदि किसी जाति या समाज से आते हैं तो उसमें धमक भी होनी चाहिए। उन्हें बताएं।
उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ हमारे चुनाव अभियान का महानाद है। आज से चुनाव परिणाम तक किसी भी कार्यकर्ता को विश्राम की आवश्यकता नहीं है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि किसी की भी छोटी-मोटी गलती से वातावरण नहीं बिगड़ना चाहिए। बयान देने में सावधानी बरतें।
सीएम ने कहा- अतिउत्साह की जगह खरगोश व कछुए की कहानी याद रखें : बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कार्यकर्ता महाकुंभ की सफलता ने हमारे भीतर उत्साह भर दिया है। लेकिन हमें अतिउत्साह की जगह खरगोश और कछुए की कहानी का सदैव स्मरण रखना चाहिए। निरंतर चलना यही अपना मंत्र है और यही सफलता की कुंजी है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी सहस्रबुद्धे ने कहा कि नमो एप डाउनलोड करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। चुनाव अभियान प्रबंधन समिति के संयोजक एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विजय का कोई विकल्प नहीं होता। मतदान केंद्र जितना मजबूत होगा, चुनाव परिणाम भी उतना मजबूत आयेगा। उन्होंने स्वच्छता अभियान, सर्जिकल स्ट्राइक दिवस 29 सितंबर और सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन 31 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी में व्यापक भागीदारी के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की।
भीड़ लाने से कुछ नहीं होगा : प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पार्टी में प्रत्याशी चयन की एक पद्धति है। भीड़ लाने या दिखाने से कुछ नहीं होगा। सर्वे टिकट का बड़ा आधार होगी। जरूरत पड़ी तो राय के लिए जिलों में पेटी भी घुमाई जाएगी। जिसकी कोई इच्छा है या किसी के लिए कुछ कहना है तो वे लिखकर अपनी राय दे सकते हैं।
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